गहलोत-पायलट मीडिया के सामने आए, मुस्कुराते रहे, कुछ नहीं बोले
खड़गे के घर देर रात तक चली बैठक के बाद गहलोत और पायलट केसी वेणुगोपाल के साथ बाहर आए। गहलोत और पायलट दोनों मुस्करा रहे थे। वेणुगोपाल ने ही मीडिया से बात की। गहलोत और पायलट केवल मुस्कराते रहे, लेकिन कुछ नहीं बोले। वेणुगोपाल के साथ दोनों नेता फिर से खड़गे के घर चले गए।
15 मई को दिया था अल्टीमेटम, मांगें अब तक अधूरी
सचिन पायलट ने पेपर लीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ 11 मई से अजमेर से जयपुर के बीच पैदल यात्रा की थी। 15 मई को यात्रा के समापन पर जयपुर के महापुरा में की गई सभा में पायलट ने तीन मांगें रखकर 15 दिन में उन पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था।पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के करप्शन पर हाईलेवल कमेटी बनाने, आरपीएससी को भंग कर पुनर्गठन करने और पेपर लीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग रखी थी। तीनों मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। पायलट के अल्टीमेटम को 30 मई को 15 दिन पूरे हो जाएंगे। तीनों में से किसी मांग को सरकार ने नहीं माना है।
गहलोत ने कहा था- ‘बुद्धि का दिवालियापन’
पायलट की मांगों पर सीएम अशोक गहलोत ने विपक्ष की आड़ लेकर कहा था कि पेपर लीक पर मुआवजा मांगने को बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे क्या, अब तक कभी पेपर लीक पर किसी सरकार ने मुआवजा दिया है क्या, ऐसा कभी हुआ है? गहलोत ने यह बयान गुरुवार शाम को जयपुर में सिंधीकैंप बस स्टैंड के नए टर्मिनल के लोकार्पण समारोह में दिया था। गहलोत ने मुआवजे की मांग को “बुद्धि का दिवालियापन’ बताकर यह संकेत दे दिए कि तीनों में से किसी मांग को नहीं माना जाएगा।