तहलका न्यूज,बीकानेर। 20 दिन से हजारों कार्यकर्ताओं द्वारा जनाक्रोश प्रदर्शन, मशाल जुलूस, भैंस के आगे बीन बजाने से लेकर अनेक उपाय करने के बावजूद आमरण अनशन की सुध नहीं लेना सरकार की उदासीनता व हठधर्मिता को दर्शाता है। यह उद्गार व्यक्त करते हुए भाजपा नेता महावीर रांका ने कहा कि न्यायालय ने सीधे तौर पर 18 कार्मिकों को ज्वाइनिंग के आदेश जारी किए हैं फिर भी उन्हें पुन: नियुक्ति नहीं दी जा रही है। यह न्यायालय की अवमानना है जो कि बड़ा अपराध है। भाजपा के आनन्द सोनी ने बताया कि 125 जनों ने राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर 18 कार्मिकों को पुन:नियुक्ति दिलाने की मांग की है। बीते दिनों 81 जनों ने सीएम को खून से पत्र लिख कर भेजे थे। पार्षद जितेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि आमरण अनशन पर पूर्व पार्षद राजेन्द्र शर्मा, जगदीश मोदी, श्रवण चौधरी, शंभु गहलोत, जेठूसिंह परिहार डटे हुए हैं। धरना स्थल पर डॉ. भगवानसिंह मेड़तिया, रमेश पारीक, गणेशमल जाजड़ा, पार्षद जितेन्द्र सिंह भाटी, मधुसूदन शर्मा, मनोज पडि़हार, सुरेन्द्र कोचर, दीपक व्यास, दिनेश सांखला, ओम राजपुरोहित, पंकज गहलोत, राजेन्द्र व्यास, विष्णु तंवर, शिव कुमार पांडिया, लक्की पंवार, आनन्द सोनी, नरपतसिंह भाटी, श्रवण नैन, मालचंद जोशी, कैलाश पारीक, मदन सारड़ा, सत्यनारायण गहलोत, प्रेमरतन गहलोत, विकास महनोत, पवन बाफना, उदयसिंह खींची, नरेन्द्र पुरी, विनोद भंसाली, राजेश नाथ, नेमीचंद पाणेचा, दिनेश जोशी, ऋषभ पारख, रूपसिंह राजपुरोहित, आशीष दाधीच, अंकित तंवर, बालूदेवी नायक, धीरज रांका, हनुमानमल रांका, पुष्पा नायक, किसन सदारंगानी, लोकेश चतुर्वेदी सहित कुल 125 जनों ने रक्त से पत्र लिखे।राज्यपाल को बताया सारा मामला- भाजपा के रमेश भाटी ने बताया कि पांच जनों ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें ईसीबी के पूरे मामले से अवगत करवाया और 18 कार्मिकों की नियुक्ति का ज्ञापन दिया गया। इस दौरान भाजपा नेता महावीर रांका ने कहा कि उच्च न्यायालय से उक्त कार्मिकों के निलंबन पर स्टे ऑर्डर भी जारी कर दिया था, लेकिन राजनैतिक दुर्भावना की वजह से पुन:नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है। ज्ञापन देने वालों में कुंजीलाल स्वामी, राजेश व्यास, डॉ. भगवानसिंह मेड़तिया एवं अंगद विश्नोई शामिल रहे।