तहलका न्यूज,बीकानेर। इस्लाम के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (सल्ल.) के नवासे हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की याद में श्रद्धामय स्मरण के साथ ताजिये शहर की कर्बलाओं में गमगीन मातमी माहौल में ठंडे कर दिये गये। हजारों जायरिनों ने छलकते आंसुओं से ताजियों को विदाई दी। सुबह ताजिये गश्त पर निकले। मर्सियाखानी में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का मंजर सुनकर जायरिनों की आंखों में अश्रुधारा का दौर चलता रहा। हिन्दू-मुस्लिम अकीदत से ताजियों पर शीरनी चढ़ाते व दुआएं मांगते नजर आये। मुल्क में खुशहाली,सौहार्द,अमन चैन की दुआ की गयी। अपनी मुश्किलों को दूर करने,मनचाही मुरादों के लिये मन्नतें मांगी गयी। विभिन्न मस्जिदों में मोहर्रम की विशेष नमाज पढ़ी गयी। शाम होते होते ताजिये कर्बला की ओर रवाना होने लगे। तेलीवाड़ा से अलम के साथ रवाना हुआ ताजिया मोहल्ला चूनगरान के ताजियों के जुलूस में शामिल हो गया। ढ़ोल ताशे बजाते हुए आगे बढ़ते जुलूस में सोनगिरी रोड़ क्षेत्र, महावतपुरा,जोशीवाड़ा,महावतान,भिश्तियान आदि क्षेत्रों के ताजिये भी शामिल हो गये। चौखूंटी स्थित बड़ी कर्बला में जुलूस में शामिल ताजियों के अलावा अन्य क्षेत्रों के ताजिये गमगीन माहौल में दफनाये गये। जुलूस के मार्ग में जायरिनों को हलीम, सबील बांटा गया। कसाबान में भीड़ नियंत्रण एवं मार्गदर्शन हेतु कार्यकर्ता मुस्तैदी से जुटे थे। मोहल्ला कसाबान का ताजिया कसाबान कर्बला में ठंडा किया गया। बड़ा बाजार क्षेत्र के ताजिये शीतला गेट के बाहर पुरानी कर्बला में ठंडे किये गये। मोहल्ला दमामियान का ताजिया शीतला गेट के बाहर समाज के कब्रिस्तान में ठंडा किया गया। पुलिस तथा जोनल मजिस्ट्रेट व्यवस्था प्रबंध में जुटे रहे। ताजियों की जियारत के लिए अकीदत मंद बड़ी संख्या में उमड़े उनकी सेवा के लिए अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं की और से दूध की छबील,खीर,हलीम के साथ गर्म गर्म चाय की व्यवस्था थी। नगर में सर्वाधिक ताजिया मोहल्ला चूनगरान में निकले जहां कलम की उम्दा कारीगरी में सरसों का ताजिया तैयार किया गया है जो जायरीनों के आकर्षण का केन्द्र बना है। समीप मोहल्ला न्यायारियान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ताजिए में कला की बारीकी दर्शायी गयी है। सोनगिरी कुए के पास डीडू सिपाहियान में मिट्टी के ताजिये के कलाकारों ने अपने अलग अदांज में काम किया है। उस्तों के मोहल्ले में उस्ता कलाकारों ने इस बार भी कलम की चित्रकारी और अरबी लिपी में अपने फन का जौहर दिखाया है। कुछ ताजियों पर कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए उनके भाई बेटे भतीजों भानजों व अन्य रिश्तेदारों समर्थकों के नाम भी सजाये गये है। मोहल्ला चूनगरान न्यारियान,डीडू सिपाहीयान,कस्साबान,खटिकान,फड़बाजार,भिश्तियान,महावतान,धोबीतलाई,रामपुरा बस्ती,दम्मामियान,लक्ष्मीनाथ मंदिर रोड़,गुजरान में भी ताजिए निकाले गये। जायरीनों के लिए ताजिया वाले स्थानों एवं मार्गाे पर सेवा कार्य एवं मार्ग दर्शन के लिए मोहल्लों कमेटियों के कार्यकर्ता जुटे रहे। कई स्थानों पर मौलानाओं की तकरीरें लाउड स्पीकरों पर गूंज रही थी जिनमें कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन की शहादत की वाकया बयान किया जा रहा था। मर्सियों में भी इमाम हुसैन की शहादत का बयान पढ़ा जा रहा था। जिसे सुनकर लोग गमगीन हो गये। कुछ स्थानों पर ढोल ताशे भी बजाये जा रहे थे। विभिन्न स्थानों पर खानपान की दुकानें लगी हुई थी। ताजियों के चढ़ाने के लिए शीरनी बताशे सेहरे,बिस्कुट आदि मिले रहे थे ताजियों वाले मोहल्लों में स्थानों पर कर्बला की नक्शे भी दर्शाई गई थी।
उत्कृष्ट ताजियां कारीगरों का किया सम्मान
उधर अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से दाउजी रोड़ पर उत्कृष्ट कलाकृति से ताजियां निर्माण करने वाले कलाकारों का सम्मान भी किया गया। इस दौरान अध्यक्ष रमजान अली कच्छावा,अनवर अजमेरी,अब्दुल मजीद खोखर,अताउल्ला खां,रमजान अब्बासी,पार्षद फिरोज अब्बासी सहित अनेक जने मौजूद रहे। वहीं व्यापारियान मोहल्ले में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। इस दौरान शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला,स्वैच्छिक क्षेत्र विकास केन्द्र के अध्यक्ष मुमताज मसीह सहित प्रशासन के आलाधिकारी मौजूद रहे।
दिनभर चला जियारत का दौर
इससे पहले शनिवार को दिनभर ताजियों की जियारत का दौर चला। विभिन्न मोहल्लों में अकीकतमंद ताजियों की जियारत के लिये उमड़े। मोहर्रम के अवसर पर छोटे बच्चों की ओर से छोटे ताजिये मेहन्दी बनाए गए। ताजियों और मेहन्दी पर अकीदतमंदों ने शीरनी चढ़ाई व मन्नते मांगी।