तहलका न्यूज,बीकानेर। ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये चलाई जा रही मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आएं दिन किसी न किसी ग्राम पंचायत में इस प्रकार के फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आती है। लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई होने की बजाय लिपापोती कर मामले की इतिश्री कर दी जाती है। ऐसा ही एक मामला पूनरासर गांव में सामने आया है। जहां फर्जी मनरेगा मजदूरों के नाम से जॉब कार्ड बनाकर भुगतान उठा लिया गया है। इसको लेकर आरटीआई कार्यकर्ता रविन्द्र सारस्वत ने सीएम भजनलाल शर्मा सहित जिले के आलाधिकारियों को शिकायती पत्र लिखा है। उनका आरोप है कि ग्राम पंचायत पूनरासर द्वारा 1500-2000 नरेगा मजदूरों को रोजगार देना दिखाया जा रहा है। जबकि कोई नरेगा मजदूर कार्य नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं कार्मिकों व अधिकारियों की मिलीभगती से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर लाखों रूपये का चूना सरकार को लगाया जा रहा है।
इन नंबरों के बने है फर्जी जॉब कार्ड
शिकायती पत्र में बताया गया है कि 50392832,9925671,50396060,9503113772,9926813,9926348,9926914 वाले जॉब कार्ड वाले श्रमिक कपड़ा व्यापारी,मंदिर पुजारी,रोजगार सहायक की पत्नी,शिक्षा विभाग के यूडीसी की पत्नी,आयकर विभाग के कार्यरत निरीक्षक की पत्नी है। जो गांव में नहीं बल्कि महानगर में निवास करती है। इस प्रकार की प्रथम शिकायत 8 सितम्बर 23 को संभागीय आयुक्त को की गई थी। जिसके बाद डीसी की ओर से 13 सितम्बर 23 को श्रीडूंगरगढ़ विकास अधिकारी को एक पत्र संख्या जिपबी/जांच/2022-23/3159 देकर तत्काल जांच करने के निर्देश दिए थे। किन्तु आज दिनांक तक श्रीडूंगरगढ़ विकास अधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इन पर लगाएं गये है फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप
सारस्वत ने अपनी शिकायत में सरपंच प्रकाश नाथ सिद्व,तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी रोहिताश कुमार,पूर्व रोजगार सहायक शुभकरण छींपा,संविदाकर्मी कानी सिद्व,तत्कालीन सहायक शिवलाल पर फर्जीवाड़ा का भुगतान उठाने के आरोप लगाये है। इनमें पूर्व रोजगार सहायक शुभकरण छींपा अभी जोधपुर जिला परिषद् के बाप पंचायत समिति के कानासर ग्राम पंचायत में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत है। जो पूनरासर का मूल निवासी ही है। वहीं तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी सेवानिवृत होने वाले है।