जयनारायण बिस्सा
तहलका न्यूज,बीकानेर। इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर जहां दोनों ही पार्टियां सक्रिय हो गई है और अन्दुरूनी सर्वे के साथ साथ जातिय समीकरण के आधार पर मतदाताओं को साधने की जुगत में जुट गई है। वहीं स्थानीय नेता भी सोशल मीडिया और पोस्टर वार के जरिये अपने आप को चुनावी दंगल का मोहरा सिद्व करने में लग गये है। इन हालातों को देखकर शहर के पाटों पर भी चुनावी हलचल बढऩे लगी है और चर्चाओं के दौर शुरू हो गए है। कोई अधिकारियों की सक्रियता को चुनाव से जोड़ रहा है तो कोई शहर में बार बार दौरे करने का मतलब चुनाव लडऩे से निकाल रहा है। इन सभी चुनावी गपशप के बीच कई जानकार तो यहां तक कहने लगे है कि बीकानेर में सभी को राजनीतिक पोल नजर आती है। हर कोई अपने आपको शहर की दोनों सीटों का प्रबल दावेदार मानकर सक्रियता दिखा रहे है। कही न कही बढ़ते दावेदारों की सक्रियता इस ओर इशारा भी कर रही है। जो कल तक शांत बैठे थे वे आज चुनाव से छ:माह पहले अचानक इतने सक्रिय हो जाएं तो कही न कही इन चर्चाओं को बल मिलता भी है। कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपना नाम न छापने की शर्ते पर बताया कि बीकानेर पूर्व विधानसभा का कोई धणी धोरी नहीं है। यहां स्थानीय कांग्रेसी को टिकट देने की बजाय पैराशूट उम्मीदवार में पार्टी ज्यादा विश्वास कर रही है। इस बार भी ऐसी चर्चा है कि सीएम के बेटे वैभव के लिये यहां राजनीतिक पृष्ठभूमि तलाशी जा रही है। वहीं सीएम के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा के समर्थक उनके दो तीन दौरों के बाद से शहर की दोनों सीटों में से किसी एक सीट पर अपनी दावेदारी जताने की चर्चाओं को बल देते दिख रहे है। ऐसे में अब राजनीतिक जानकारों में भी इसको लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। यहीं हालात कुछ भाजपा में भी दिख रहे है। जहां बीकानेर पूर्व में पूर्व मंत्री देवीसिंह के नाम को हवा दी जा रही है तो ईसीबी कार्मिकों के लिये पिछले एक माह से ज्यादा संघर्ष कर रहे महावीर रांका का नाम भी सुर्खियों में आ गया है। तो कुछ नेता तो पोस्टर व सोशल मीडिया के जरिये अपने आप को बीकानेर पूर्व से पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर माहौल बनाने में भी लग गये है। इधर पाटों पर बीकानेर पश्चिम से भी भाजपा के अनेक उम्मीदवारों की दावेदारी पर भी मंथन हो रहा है। कई नेताओं ने तो इस कदर प्रचार शुरू कर दिया हो मानो उनका टिकट फाइनल हो गया है।