तहलका न्यूज,बीकानेर। अपर सेशन न्यायाधीश वमीता सिंह ने हत्या के साढ़े सात साल पूर्व एक मुक दमें फैसला सुनाते हुए अभियुक्त प्रेम प्रकाश को आजीवन कारावास व बीस हजार रू पये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की अदायगी नहीं होने पर अतिरिक्त छ:माह का साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा। वहीं आम्र्स एक्ट की अलग धारा में तीन साल का साधारण कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्त की सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। न्यायाधिपति ने मृतक की पत्नी को प्रतिकर स्कीम के तहत नियमानुसार प्रतिकर दिलाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंषा करने के निर्देश भी दिए है। इस मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक वाहिद अली,परिवादी की ओर से अधिवक्ता ओ पी हर्ष तथा अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता रविकांत वर्मा ने पैरवी की। मामले में परिवादी की ओर से दस गवाह पेश किये गये। साथ ही घटना स्थल के फोटोज,अनेक दस्तावेज भी कोर्ट में पेश किये। गौरतलब रहे कि प्रेमप्रकाश इस समय केन्द्रीय कारागृह में बंद है।
यह है मामला
प्रेमप्रकाश की पहली पत्नी मंजू की मौत के बाद ससुराल वालों ने मंजू की छोटी बहन राधा का विवाह प्रेमप्रकाश के साथ किया। राधा का प्रेमप्रकाश से दहेज को लेकर झगड़ा होने लगा। जिसके बाद प्रेमप्रकाश को भी रिश्तेदारों ने समझाया। पर वह नहीं माना तो राधा ने प्रेमप्रकाश से तलाक ले लिया। जिसके उपरान्त प्रेमप्रकाश के ससुर भंवरलाल ने राधा का विवाह किसी अन्य जगह कर दिया। अपनी तलाकशुदा पत्नी राधा की दूसरी शादी करने से नाराज जांगलू निवासी प्रेमप्रकाश नेे चार मई 2016 को रंजिशवश अपने ससुर भंवरलाल पर रामपुरा रेलवे फाटक के पास देशी कट्टे से फायर किया। जिससे उसके ससुर भंवरलाल की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।