तहलका न्यूज,बीकानेर। पीबीएम होस्पीटल में पचास करोड़ की दवाओं के खरीद से जुड़े बहुचर्चित टेंडर को लेकर द्वितीय अपील अधिकारी,आयुक्त चिकित्सा निदेशालय ने प्रथम अपील अधिकारी,एसपी मेडिकल कॉलेज प्रिसिंपल के आदेश खारिज कर दिया है। ऐसे में अब जैक्शन लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस टेंडर की फाईनेंशियल बिड़ से बाहर हो गई है। दरअसल,इस टेंडर को लेकर जैक्शन कंपनी की ओर से प्रथम अपील अधिकारी,एसपी मेडिकल कॉलेज डॉ.गुंजन सोनी की ओर से जारी किये आदेशों के खिलाफ मैसर्स गणेश डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में द्वितीय अपील लगाई थी। इस अपील की सुनवाई के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के आयुक्त इकबाल खान ने शनिवार को आदेश जारी कर दिये है। आदेश में कहा गया है कि प्रथम अपील अधिकारी,एसपी मेडिकल कॉलेज डॉ.गुंजन सोनी के विरूद्ध मैसर्स गणेश डिस्ट्रीब्यूटर्स की ओर से पेश की गई अपील के आधारों पर अधीक्षक, पीबीएम की ओर से प्रत्युत्तर का प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर परीक्षण किया गया। जिसके अनुसार द्वितीय अपीलकर्ता मैसर्स गणेश डिस्ट्रीब्यूटर्स बीकानेर के आधार उचित प्रतीत होते है। आदेश में अवगत कराया गया है कि मैसर्स जेक्सन लेबोरेट्रीज प्रा.लि. की ओर से पेश किये सौ रूपये के शपथ पत्र में प्रस्तुत तथ्य मिथ्या पाए गये है। मैसर्स जेक्सन लेबोरेट्रीज प्रा.लि. द्वारा निविदा की शर्त संख्या 05 का उल्लघन किया जाना पाया गया। कंपनी की ओर से अधिकृत डीलर यदि बनाया गया है तो उसका भी टर्न-आवेर होना आवश्यक है,जो कि प्रस्तुत निविदा प्रपत्रों में होना नहीं पाया गया, जो कि स्क्र द्वशद्ध 16 की शर्त संख्या 35 का उल्लघंन है। अधीक्षक, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर द्वारा मैसर्स जैक्सन लेबोरेटीज प्रा.लि. द्वारा उठाये गये बिन्दुओं का दिया गया प्रत्युत्तर उचित एवं संतोषजनक प्रतीत होता है। इसलिये प्रकरण संपूर्ण दस्तावेजी,साक्ष्य के आधार पर परीक्षण कर प्रथम अपील अधिकारी, मेडिकल कॉलेज प्रिसिंपल बीकानेर के निर्णय आदेश क्रमांक 189 में 28 जून 2024 को खारिज किया जाता है तथा उपापन संस्था अधीक्षक,पीबीएम अस्पताल,बीकानेर को निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण में आरटीपीपी एक्ट 2012 व नियम 2013 के अनुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।

लंबे समय से सिरदर्द बना है यह मामला
जानकारी में रहे कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण लंबे समय से मेडिकल कॉलेज प्रिसिंपल और पीबीएम अधीक्षक के लिये सिरदर्द बने पचास करोड़ की दवाओं से खरीद के टेंडर के इस मामले को लेकर लगातार उठापटक चल रही थी। जिससे यह मामला चिकित्सा मंत्री तक पहुंच गया है। पहले मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के पास अपीलों में उलझा रहा। विवाद भी एक ब्लैक लिस्टेड जैक्शन कंपनी की एंट्री को लेकर था। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कंपनी पर लगे दाग को हटाने के आदेश भी हो गए। इसके लिए सभी नियम कायदे ताक पर रख दिए गए हैं।

भाजपा नेताओं में आपसी प्रतिस्पर्धा
बताया जा रहा है कि इस निविदा को लेकर भाजपा नेताओं में आपसी खींचतान व प्रतिस्पर्धा थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैक्सन कंपनी बीकानेर पश्चिम के विधायक का करीबी है। जिनको यहां हरी झंडी देने की तैयारी थी। किन्तु जयपुर स्तर पर मामला बिगड़ गया और कांग्रेस से भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताजी के करीबी को यह टेण्डर मिल गया।