तहलका न्यूज,बीकानेर। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय एक बार फिर राजनीतिक का अखाड़ा बनती जा रही है। यहां जहां पहले भर्तियों को लेकर उठापठक के हालात थे और फर्जी तरीके से नियुक्तियों को लेकर महाविद्यालय ने खूब सुर्खियां बटोरी तो मंगलवार को एक आदेश ने कॉलेज को चर्चा का विषय बना दिया है। बताया जा रहा है कि बीकानेर तकनीकी विवि कुलपति ने आदेश क्रमांक 2015 निकालकर तीन जनों को प्राचार्य पद पर नियुक्त करते हुए तत्काल कार्यभार करने के आदेश जारी किये थे। लेकिन इन आदेशों के एक घंटे के अन्तराल में ही कुलसचिव ने दूसरा आदेश संख्या 2030 निकालते हुए तुरंत इन तीनों ही व्याख्याताओं की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए। आननफानन में हुए आदेशों के तत्काल निरस्त होने से अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। पहले से ही राजनीतिक अखाड़ा बनी कॉलेज के अन्दरखाने मे यह चर्चा बल पक डऩे लगी है कि लगातार बीस वर्षों से अशैक्षणिक पदों पर बैठे संविदा कार्मिकों को लेकर तो कुलसचिव व कुलपति किसी तरह का फैसला नहीं ले रहे है। लेकिन इस प्रकार के आदेशों से पहले से ही गर्त में जा रही कॉलेज में फिर राजनीति को हवा दी जा रही है। हालांकि इसको लेकर तहलका न्यूज ने जब पड़ताल की तो अधिकारी इसे प्रक्रिया को सामान्य प्रक्रिया कह कर टालते नजर आएं। किन्तु सूत्र बताते है कि इन आदेशों के पीछे भी अनबन बड़ा कारण है।

इनको लगाया प्राचार्य पद पर
आदेशों के अनुसार तकनीकी विवि के संघटक कॉलेजों में पदस्थापित आचार्य प्रो प्रकृति त्रिवेदी को अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर,अभियांत्रिकी महाविद्यालय में सह आचार्य डॉ आलोक खत्री को महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय में प्राचार्य तथा अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में सह आचार्य डॉ ओमप्रकाश जाखड़ को अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में प्राचार्य पद लगाया था। परन्तु चंद घंटों में ही आदेशों को निरस्त कर दिया गया।गौरतलब रहे कि इस समय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में डॉ मनोज कुडी प्राचार्य पद पर पदस्थापित है। जिनको हटाकर ओमप्रकाश जाखड़ को नया प्राचार्य नियुक्त के आदेश जारी हुए थे। इस दौरान कुडी ने पद त्याग कार्यभार सौंपने की तैयारी भी कर ली थी कि नई आदेश आ गये।