राजनांदगांव। 25 जुलाई को मेडिकल कालेज की छात्रा की आत्महत्या का मामला अब दिनों दिन चर्चा का विषय बनता जा रहा है। बीकानेर के तिलक नगर निवासी ने मृतक छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि राजस्थान से हमने अपनी बेटी को छग डॉक्टरी पढ़ाई के लिए भेजा था, लेकिन उसे मेडिकल कालेज के डीन एवं वार्डन इतना परेशान किये कि वह डिप्रेशन में आ गयी थी। इन्होंने बताया कि मेरी बेटी चतुर्थ वर्ष की छात्रा जिसे 25 जुलाई को सबेरे ही मेरी अच्छी बातचीत हुई थी और सबेरे लगभग 7 बजे मोबाईल से बातचीत की, उस दौरान वह बहुत अच्छे ढंग से बातचीत की। बेटी ने कहा कि सबेरे 9 बजे मेरा पेपर है, और मैंने अच्छी तैयारी की है। मेरी बेटी पढ़ाई में टॉपर थी। वह मुझे बोली थी के परीक्षा के बाद बातचीत करूंगी, और दोपहर में हॉस्टल से सूचना मिली कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। मैं और मेरा परिवार कभी सोच नहीं सकते थे कि वह आत्महत्या कर लेगी, वह कोई डिप्रेशन की दवाई नहीं खाती थी। उनके पिता मामराज गोदारा का कहना है कि मेरी बेटी बात करते हुए कहा था कि हॉस्टल के वार्डन और डीन उन्हें परेशान करते थे और फेल कर देने की धमकी देते थी, इससे उनकी बेटी मानसिक रूप से परेशान हो गयी थी और वह रक्षाबंधन पर छुट्टी में 3 अगस्त को बीकानेर आने वाली थी। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या हुई है, इसकी हत्या की आशंका को जताते हुए जांच की मांग की है। सांसद संतोष पांडे भी घटना की जानकारी लगने पर मेडिकल कालेज गये, और पूरी जानकारी संज्ञान में ली। पांडे ने मेडिकल कालेज के छात्राओं ने बातचीत की। मृतक छात्रा केशर गोदारा के तैलचित्र पर पुष्पांजलि दी। इसके बाद वे मृतका के पिता से मोबाईल से बातचीत की, इस पर मृतका के पिता ने कहा कि आप मुझे इंसाफ दिलाईये, मेरी बेटी के साथ मेडिकल कालेज डीन और वार्डन ने अच्छा सुलुक नहीं किया। लालबाग थाना प्रभारी का कहना है कि जांच पड़ताल के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।