तहलका न्यूज,बीकानेर। नगर निगम में जब से भाजपा का बोर्ड बना है तब से विवादों में रही महापौर की अब कभी भी विदाई हो सकती है। इसको लेकर पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं व संघ के प्रमुख नेताओं की पिछले दिनों जयपुर में हुई बैठक से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। महापौर के लिये भाजपा ने नया नाम भी तय कर लिया है। इसको लेकर कई पार्षदों की सहमति भी ले ली है। पार्टी की अन्दुरूनी रणनीति के तहत पार्टी की खराब हो रही छवि को लेकर यह फैसला लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के साथ पार्टी व संघ के शीर्षस्थ नेताओं के बीच हुई वार्ता में गंगाशहर क्षेत्र से पार्षद को पार्टी महापौर के रूप में प्रोजेक्ट कर शहर में धूमिल हो रही छवि को सुधारने का प्रयास कर सकती है। राजनीतिक जानकारों की माने तो पार्टी के रणनीतिकारों ने इसके लिये एक तीर से दो शिकार करने की योजना बनाई है। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि पार्टी के लिये बीकानेर पूर्व से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे वैश्य समाज के नेता को पटखनी देने के लिये भाजपा यह खेल खेलने की तैयारी में है। अब देखना है कि भाजपा महापौर बदलने की कार्यवाही का फैसला कब तक लेती है। सूत्र बताते है कि नये संवत में भाजपा बोर्ड की महापौर बदली जा सकती है। गौरतलब रहे कि इस बैठक में पार्टी के संगठनात्मक पदाधिकारियों के अलावा मेघवाल के विश्वसनीय नेता भी इस बैठक में मौजूद रहे।

विवादों के चलते भाजपा ने किया फैसला
निगम में अधिकारियों के साथ लगातार हो रहे विवाद के चलते पार्टी ने इस प्रकार का फैसला लिया है। महापौर के रवैये के कारण केन्द्रीय मंत्री व पार्टी की खासी धू-धू हुई है। इतना ही नहीं पार्टी के पार्षदों की नाराजगी भी बड़ा कारण बताया जा रहा है।