तहलका न्यूज,बीकानेर। पुरानी पेंशन योजना को यथावत रखने,नियुक्ति देने,पदौन्नति क रने,ठेका प्रथा बंद करने सहित अनेक मांगों के निस्तारण के लिये बुधवार को शिक्षा निदेशालय परिसर में भारी विरोध-प्रदर्शन का दौर चला। करीब आधा दर्जन संगठनों ने अलग-अलग बैनर लगाकर धरना दिया और बाद में मुख्य द्वार तक पहुंचकर नारेबाजी की।
ओपीएस से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
ओपीएस को लेकर के राज्य सरकार के रुख से आशंकित शिक्षकों ने अब अपने आक्रोश को व्यक्त करते हुए शिक्षा निदेशालय का रुख करते हुए आज धरना लगाया। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग की अगुवाई में प्रदेशभर के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन,थर्ड ग्रेड अध्यापकों के स्थानांतरण, शिक्षा नीति और स्थायीकरण जैसे कार्यों को बिना कारण लम्बित रखने को लेकर अपना रोष जताया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक नेताओं ने कहा कि
केंद्र सरकार की ओर से एनपीएस के स्थान पर यूपीएस का विकल्प देने और राज्य में ओपीएस को लेकर राज्य सरकार की खामोशी ने कर्मचारियों की आशंका बढ़ा दी है। प्रदेश की सरकार को लेकर इसका रूख अस्पष्ट है। हम किसी भी सूरत में एनपीएस को खत्म नहीं होने देंगे। साथ ही स्थानान्तरण को लेकर मंत्री मखौल उड़ा रही है। पदौन्नति नहीं हो रहे है। जिससे शिक्षकों में आक्रोश है। सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो आन्दोलन व्यापक होगा। आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए 22 सितंबर को जयपुर में वर्कशॉप की जाएगी। इस कार्यशाला में पीडि़त शिक्षक, आ ंदोलन में सहयोग करने के इच्छुक विशिष्ट शिक्षक और कर्मचारी प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी महासंघ और स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 26 सितंबर को राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ये मांगें भी रखी
राजस्थान शिक्षक संघ शेक्षावत के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सियाग,संघर्ष समिति संयोजक पोखरमल और महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने निदेशक को ज्ञापन दिया। प्रतिनिधि मंडल में बीकानेर के शिक्षक नेता श्रवण पुरोहित भी शामिल रहे। संगठन ने संविदा भर्ती व्यवस्था को समाप्त करने,पैराटीचर और शिक्षक सहयोगी को प्रबोधक बनाने,कम्प्यूटर अनुदेशक को कम्प्यूटर टीचर बनाने,वेतन के लिए पीडी मद का बजट एक साथ देने ग्रेड थर्ड टीचर्स की वेतन विसंगति दूर करने, संस्कृत शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई।
रेसला डीपीसी की मांगे नहीं माने जाने को लेकर धरना जारी
उप प्राचार्य केस में न्यायालय में हलफनामा देकर केस के निस्तारण करवाक र उप प्राचार्य व प्राचार्य 2023-24 व 2024-25 की डीपीसी करवाने,व्याख्याता पद क ी चार साल की बकाया डीपीसी करने,तीन सन्तान प्रकरणों की डीपीसी करने,खेम राज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने,नए 3820 स्कूल मेंपद सृजित करवाने, एसबीसी के शून्य मेरिट के व्याख्याताओं का स्थायीकरण करवाने,शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने,पुरानी पेंशन योजना जारी रखने की मांग को लेकर रेसला का धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेशाध्यक्ष गिरधारी गोदारा व महामंत्री अशोक जाट ने बताया कि विभाग की पैरवी सही ढंग से नहीं होने के कारण न्यायालय में हमारा पक्ष मजबूती से नहीं रखा जा रहा है। जिसके चलते उपप्राचार्य व प्राचार्य की डीपीसी रूकी पड़ी है। संयुक्त निदेशक रमेश हर्ष से दो दौर की वार्ता के बाद उप प्राचार्य केस निस्तारण के अलावा किसी भी मांग पर सहमति नहीं होने पर धरना मांगे माने जाने तक अनवरत जारी रखने का निर्णय लिया गया।
करणीसिंह स्टेडियम सर्किल से निदेशालय तक निकाली रैली
शिक्षा निदेशालय के आगे आज जमकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। जहां उपप्राचार्य संघर्ष समिति राजस्थान द्वारा डॉ करणीसिंह स्टेडियम सर्किल से निदेशालय तक रैली निकालते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। संघर्ष समिति ने अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरना निदेशालय के लगाया। संघर्ष समिति के संयोजक सुभाष चंद्र ने बताया कि लंबे समय से संघर्ष समिति द्वारा मांगों को लेकर उच्च स्तर पर बातचीत की जा रही है, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर आज सड़कों पर उतरकर विरोध करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में उप प्राचार्य डीबी स्पेशल अपील 461/2023 में जवाब /हलफनामा प्रस्तुत कर निर्णय करवाया जाए। वही उप प्राचार्य की काउंसिलिंग, पदस्थापन तथा काउंसिलिंग उपरांत पदस्थापन से वंचित उप प्राचार्य साथियों का पदस्थापन किया जाए। साथ ही वर्ष 2023-24 से लंबित प्रधानाचार्य डीपीसी में आरपीएससी से चयनित व्याख्याता से पदोन्नत उप प्राचार्यों को शामिल करते हुए, माह अक्टूबर 2024 तक, प्रधानाचार्य डीपीसी संपन्न की जाए।
मुर्गा बनकर किया प्रदर्शन
शिक्षक भर्ती 2020 लेवल-1 के अभ्यर्थीयों की पूर्ण सूची जारी करने को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इन मांगो को लेकर अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा निदेशालय पूरी वेंटिंग लिस्ट जारी करे। क्योंकि अभी तक सिर्फ 212 की ही लिस्ट भेजी गई है,जबकि 1400 से 1500 ऐसे हैं जो अभी भी वेटिंग लिस्ट में हैं। इसी को लेकर अभ्यर्थी पूरी लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं।इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में से एक ने बताया कि लंबे से धरने पर बैठने के बाद भी प्रशासन ने अभी तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया है। उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि शिक्षक भर्ती 2020 लेवल-1 का पूरा डाटा प्रदेश स्तर पर जल्द जारी किया जाए. उन्होंने आगे बताया कि भर्ती के तीन चरणों में इसकी जॉइनिंग हो चुकी है। जिसमें अक्टूबर 2023,फिर जून 2024 और कुछ की अगस्त 2024 में। इसके अलावा जो नॉन जॉइनर एक्सटेंशन पीरियड खत्म होने के बाद भी जॉइन नहीं किए हैं, इस पर उनकी मांग है कि उन्हें नॉन जॉइनर मानते हुए उनका डाटा जारी किया जाए। इसके अलावा जो लोग कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी जॉइन नहीं कर रहे हैं,उन्हें भी अपात्र मानते हुए डाटा जारी किया जाए।