तहलका न्यूज़,बीकानेर ।  राजस्थान में इस बार सिर्फ जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ी। नवंबर और दिसंबर में तो गर्मी ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जयपुर में दिसंबर में जहां तापमान सामान्य तौर पर 24.5 डिग्री रहता है, वो 25 डिग्री तक पहुंच गया था।हालांकि लोगों को जनवरी में बारिश और ओले गिरने से राहत मिली पर फरवरी आते ही गर्मी बढ़ने लगी है। इस बीच मौसम एक बार फिर पलटवार कर सकता है। राजस्थान में 13 फरवरी से सर्दी का असर बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने ऐसा ही अनुमान जताया है।मौसम एक्सपट्‌र्स का कहना है कि एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (सिस्टम) उत्तर भारत में आज से एक्टिव हो रहा है। इसके असर से कश्मीर, लद्दाख के अलावा हिमाचल और उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी होगी।इस सिस्टम का असर 11 फरवरी तक रहेगा। जब ये सिस्टम चला जाएगा तो मैदानी राज्यों में सर्द हवाएं चलेंगी और 13 फरवरी से तापमान फिर से गिरने लगेगा। इस तरह सर्दी का असर बढ़ेगा। इसके बाद 19 फरवरी से ठंडी हवाएं कमजोर होने लगेंगी और राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में गर्मी बढ़ेगी।फिलहाल राजस्थान में समेत मध्य भारत में इस बार फरवरी के ही महीने में मार्च की गर्मी जैसा अहसास होने लग जाएगा। राजस्थान के कुछ शहरों में दिन का तापमान फरवरी के अंतिम सप्ताह तक 36 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की आशंका है।

प्रदेश में इस सीजन देर से आई सर्दी और कम पड़ी
राजस्थान इस सीजन सर्दी देरी से आई। कम पड़ी भी। नवंबर के महीने में शुरुआती दो सप्ताह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से अच्छी बारिश हुई, लेकिन उसके बाद 15 नवंबर से दिसंबर आखिरी तक पूरा सीजन सूखा निकल गया। इस डेढ़ महीने के अंतराल में कोई वेदर सिस्टम नहीं बन पाया। इससे पहाड़ों में न तो बर्फबारी हुई न ही मैदानों में सर्दी पड़ी।इसी का नतीजा रहा कि दिसंबर में इस बार पिछले 10 साल में सबसे कम ठंडा रहा। जयपुर की तुलना करें तो यहां दिसंबर में अधिकतम तापमान (सामान्य 24.5) से ज्यादा रहा। दिसंबर के 31 में से 23 दिन ऐसे रहे जब यहां न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर रहा।