तहलका न्यूज,बीकानेर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विगत कांग्रेस सरकार ने शिक्षा का बंटाधार किया है। न बिल्डिंग थी और शिक्षक स्कूलें खोल दी। पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के बावजूद भी स्कू लें खोल देने से विद्यार्थियों को नुकसान हुआ। दिलावर ने बीकानेर पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसा ही महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर किये। डोटासरा द्वारा शिक्षा मंत्री को नमूना कहने पर पलटवार करते हुए कहा कि बड़ी राशि लेकर पेपर आउट करवाएं,आतंकवादियों को सम्मान के नाम से बुलाएं ऐसे नमूने हम नहीं बनेंगे। हम मिशाल पेश करने वाले नमूने बनेंगे। शिक्षकों के स्थान्तरण पर पूछे प्रश्न को दिलावर टाल गये। साथ ही शिक्षा में धर्म पर जबाब देते हुए कहा कि स्कूल समय के अलावा शिक्षक अपनी धार्मिक गतिविधियां करें कोई आपति नहीं। लेकिन सभी अपने धर्म को अपनाएं यानि शिक्षक धर्म होने का पालना निभाएं।

शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री ने ली बैठक

शिक्षा तथा पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि आने वाले दो वर्षों में प्रदेश को स्वच्छता के क्षेत्र में पहले पायदान पर लाएं, जिससे यह दूसरों के लिए मिसाल बन सके।शिक्षा मंत्री श्री दिलावर ने शुक्रवार को जिला परिषद में सभागार में आयोजित बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन का बेहतर उपयोग हो। ऐसी नालियां बनाईं जिनमें पानी का प्रवाह आसानी से हो और ग्रामीण क्षेत्र में गंदगी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि कम राशि में अधिक से अधिक स्वच्छता के प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर खर्च होने वाला पैसा परंपरागत रूप से सफाई का कार्य करने वालों को प्राथमिकता से मिले, यह प्रयास हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत का सपना राजस्थान में सरकार हो, इसके लिए समन्वित तरीके से कार्य किया जाएगा। उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद तकनीकी और वित्तीय स्वीकृतियां अविलंब निकालने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर माह सरकारी अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आमजन की सहभागिता से स्वच्छता अभियान चलाया जाए। उन्होंने शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक स्कूलों में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से करवाएं। यह सुनिश्चित करें कि अध्यापक स्कूल समय के दौरान किसी भी स्थिति में परिसर नहीं छोड़ें तथा निर्धारित ड्रेस कोड की पालना करें। उन्होंने कहा कि अध्यापन से पूर्व अध्यापक संबंधित विषय का अध्ययन करके जाएं। स्कूल परिसर साफ सुथरा रहे। इसी प्रकार पंचायत में शौचालय साफ-सुथरा रहे। यह टूटे-फूटे तथा खराब होने को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।