तहलका न्यूज,बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय एवं भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 17 से 19 अक्टूबर तक भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद का वार्षिक अधिवेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ”विकसित भारत 2047” का आयोजन विश्वविद्यालय के मीराबाई सभागार में किया जाएगा विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात शैक्षिक उन्नयन हेतु यह आयोजन अब तक के सबसे बड़े शैक्षणिक आयोजन की श्रेणी में शामिल होगा। प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने बताया कि भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के आग्रह पर विश्वविद्यालय द्वारा उपरोक्त आयोजन पर अपनी सहमति प्रदान की गई थी। प्रोफेसर दीक्षित ने बताया कि इस आयोजन में देश विदेश से करीब 1500 प्रतिभागी विभिन्न सत्रों से शामिल होंगे। जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं विषय से जुड़े शिक्षाविद् एवं शौधार्थी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 17 अक्टूबर को आयोजन के दौरान एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में आयोजित होगा। जिसमें विषय विशेषज्ञ लोग प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे उक्त प्रतिभागी उपरोक्त विषय के संदर्भ में देश.विदेश में विषय पर अपनी बात रखेंगे।
विश्वविद्यालय कुलसचिव हरि सिंह मीणा ने बताया कि आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है। प्रतिभागियों को ठहरने,भोजन,आवागमन एवं विभिन्न तकनीकी सत्रों के लिए अलग अलग कमेटियां बनाई गई है। विश्वविद्यालय द्वारा पिछले काफी समय से उक्त आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है आयोजन को भव्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय में व्यापक साफ सफाई अभियान एवं कला संस्कृति से प्रतिभागियों को अवगत कराने हेतु विश्वविद्यालय परिसर में विशेष सजावट की गई है।
विश्वविद्यालय वित नियंत्रक  अरविन्द सिंह विश्नोई ने बताया कि इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा मरू गंगा स्मारिका का भी प्रकाशन किया जायेगा।
भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद के महासचिव एवं पूर्व कुलपति डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद अपने वार्षिक अधिवेशन में समसामयिक विषयों पर शिक्षाविदों के बाद मध्य व्यापक विचार विर्मश उपरांत एक रिपोर्ट तैयार कर संबंधित संस्थाओं को प्रेषित करती है। इस अवसर पर भारतीय राजनीतिक विज्ञान परिषद द्वारा शिक्षाविदों द्वारा प्रेषित किए गए विचारों को संकलित करते हुए विशेष जनरल का प्रकाशन भी किया जाएगा।
विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी एवं अतिरिक्त कुल सचिव डॉ विठ्ठल बिस्सा ने बताया कि प्रतिभागियों को बीकानेर की कला एवं संस्कृति से अवगत कराने के लिए स्थानीय क लाकारों द्वारा  18 अक्टूबर को 6 बजे विशेष संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा साथ ही बीकानेर की संस्कृति व खानपान पद्धति से अवगत कराने हेतु एक कान्क्लेव का भी आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में होगा जिसमें उस्ता आर्ट, बीकानेर की परम्परागत खान-पान पद्धति एवं कला संस्कृति को प्रदर्शित किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के आयोजन सचिव डॉ मेघना शर्मा एवं डॉ धर्मेश हरवानी ने बताया कि प्रतिभागियों के आरामदायक ठहराव हेतु बीकानेर के करीब 25 से अधिक होटल एवं सामुदायिक भवनों ठहरने की व्यवस्था की गई है उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विकसित भारत की संकल्पना को लेकर अलग.अलग तकनीकी सत्रों में देश.विदेश के शिक्षाविद विश्वविद्यालय परिसर स्थित विभिन्न भवनों में अपने पत्र वाचन के माध्यम से अपनी बात रखेंगे संगोष्ठी के पश्चात एक रिपोर्ट एवं सुझाव भारत सरकार को प्रेषित कि ए जाएंगे।