दिवाली के बाद, मौसम में अचानक बदलाव आता है। ठंडी हवाएँ और नमी से भरी रातें निमोनिया के वायरस के लिए अनुकूल होती हैं। इस समय, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे वे इस निमोनिया बीमारी का शिकार बन सकते हैं।

प्रदूषण का प्रभाव

दिवाली के दौरान पटाखों के जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। इस प्रदूषण में उपस्थित हानिकारक कण फेफड़ों में पहुँचकर निमोनिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जो लोग पहले से ही फेफड़ों की समस्याओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

धूम्रपान और शराब का सेवन

दिवाली के समय, कई लोग धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं। यह फेफड़ों को नुकसान पहुँचाता है और उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। ऐसे में निमोनिया
का खतरा बढ़ जाता है।

बचाव के उपाय

स्वच्छता बनाए रखें: घर और आस-पास के वातावरण को साफ रखें। प्रदूषण से बचने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।

स्वस्थ आहार: ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करेंगे।

व्यायाम: नियमित व्यायाम करें ताकि आपका शरीर स्वस्थ और मजबूत रहे। 

धूम्रपान और शराब से दूर रहें: इनसे दूर रहकर आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं।डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको किसी प्रकार के श्वसन संबंधी समस्या का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।