जयनारायण बिस्सा
तहलका न्यूज,बीकानेर। नगरीय निकाय चुनाव जल्द होने वाले हैं। इसे लेकर बीकानेर में उत्साह चरम पर है। हालांकि अभी आरक्षण का अता-पता नहीं है कि कौनसा वार्ड किस वर्ग के लिये आरक्षित होगा। साथ ही अभी तक यह भी तय नहीं है कि महापौर की लॉटरी किस वर्ग के नाम खुलेगी। लेकिन दावेदार अभी से ही सजग हो गये है। वे अपने नेताओं के सामने दावेदारी जताने के साथ वार्डों में बोर्ड व बैनर तक लगाने लगे है। इतना ही नहीं कई जने तो सोशल मीडिया के जरिये भी वार्ड के विकास की गाथा लिखने लगे है। शहर में कुल 80 वार्ड हैं,जिनमें पार्षद पद के लिए नाम चिन्हांकित क रने का सिलसिला दोनों ही पार्टी भाजपा और कांग्रेस में भीतर ही भीतर चल रहा है।
ऐसे में अनेक दावेदार अपने आपको सेवक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। अपने आपको जनता की सेवा में तत्पर होना दिखा रहे हैं।
आरक्षण का अता-पता नहीं पर लड़ाके अभी से तैयार
निर्वाचन आयोग की ओर से निगम चुनाव को लेकर जारी किये गये नोटिफिकेशन के बाद पार्षद का चुनाव लडऩे वाले वार्डों में सक्रिय नजर आने लगे है। वार्ड स्तर पर बने वाट्सएप ग्रुपों में विकास के रोडमैप को गिना रहे है तो कोई वार्ड के विकास का नारा देकर अपने आपको वार्ड का सच्चा सेवक होने की बात कहते नजर आ रहे है। जबकि अभी तक वार्डों के आरक्षण को लेकर किसी प्रकार की कोई चहल पहल तक नहीं है। नोटिफिकेशन के जरिये आयोग ने मतदान केन्द्रों व बीएलओ को लेकर दिशा निर्देश ही दिए है। आरक्षण का अता-पता नहीं होने के बाद भी चुनाव के लड़ाके अपने आपको न केवल तैयार कर रहे हैं। बल्कि कई तो जनसंपर्क भी करने लग गए है।
भाजपाई हैं खासे उत्साहित
निगम चुनावों को लेकर भाजपा अभी अति उत्साह में दिख रही है। कारण भी साफ हैं केंद्र और राज्य में सरकार भाजपा की है और विधायक सांसद भी यहां भाजपा के हैं। नगरीय निकाय के चुनाव में उन्हें परिस्थिति अनुकुल नजर आ रही है। इस लिहाज से दावेदार भी कई हो गए हैं। वहीं पिछले दस सालों से बीकानेर नगर निगम में भाजपा क ा बोर्ड होने की वजह से भाजपाईयों का उत्साह भी सातवें आसमान पर है। इस लिहाज से कई पूर्व पार्षद,निवर्तमान पार्षद और अन्य दलों से भाजपा में एंट्री करने वालों ने दौड़ धूप शुरू कर दी है। उधर महापौर का सपना देखने वाले भी अपने स्तर पर पार्टी की टिकट की जुगत में जुट गये है और सेफ वार्ड से चुनाव जीतने की बिसात बिसाने लगे है।
कांग्रेस में भी दावेदारों की कमी नहीं
निगम चुनावों को लेकर जहां भाजपा में खासा उत्साह है तो कांग्रेस भी दावेदारों की क मी नहीं है। यहां भी अपने नेताओं की चौखट तक पहुंचने का सिलसिला कांग्रेसजनों ने शुरू कर दिया है और लगातार सरकार की विफलताओं को उजागर कर निगम में अच्छे प्रदर्शन करने उम्मीद कांग्रेस लगाकर बैठी है। कांग्रेस में भी चुनाव लडऩे वालों की लंबी फेरिहस्त दिख रही है। इसमें निवर्तमान पार्षदों के अलावा संगठन स्तर पर काम करने वाले पदाधिकारी भी शामिल है।
अपने समर्थक को टिकट दिलाने की भी धड़ेबंदी
इधर दोनों ही दलों के नेता अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिये धड़ेबंदी करने लगे है। अंदरखाने की बात तो यह है कि भाजपा में यह धड़ेबंदी ज्यादा है। बताया जा रहा है कि एक विधायक ने तो लिस्ट भी तैयार कर ली है। वहीं कांग्रेस में भी इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिल रही है।