तहलका न्यूज,बीकानेर। प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाले कार्मिकों को इस महीने वेतन मिलेगा या नहीं, अभी से चिंता सताने लगी है। पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही हैं। सरकार इनकी मांगों पर सहमति बनाए या नहीं लेकिन नर्सिग स्टाफ सहित अन्य कार्यों पर लगे कार्मिकों का भविष्य खतरे में दिखने लगा है। जिले के प्राइवेट डॉक्टर्स पर सैकड़ों लोग निर्भर है। यदि हड़ताल लंबी चली तो इनके परिवारों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। अस्पताल में सुरक्षा गार्ड, पर्ची बनाने वाले ऑपरेटर, चिकित्सक के निजी सहायक, नर्सिग स्टाफ, सफाई कार्मिक, लैब में जांच करने वाले स्टाफ, सरकारी योजनाओं चिंरजीवी या आरजीएस के ई मित्र ऑपरेटर, चाय और जूस बेचने वाले अस्थायी दुकानदार, रोगियों के लिए विशेष ड्रेस या अस्पताल के कपड़ो की धुलाई करने वाले धोबी, एसी ठीक करने वाले कारीगर, प्लबंर, इलैट्रिशियन, विभिन्न लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने वाले ऑटो टैम्पों चालक आदि कामकाज करने वाले सैंकडों लोगों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा हैं। इधर, निजी अस्पतालों के आसपास बनी अस्थाई चाय,ज्यूस की दुकानों में इन दिनों लोगों की भीड़ नहीं रहती। प्राइवेट अस्पताल में पिछले दो सप्ताह से हड़ताल चल रही है तो इन दुकानदारों की भी ग्राहकी घट गई है। चाय बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि रोजाना दस से बारह किलो दूध रोज खपत होता था लेकिन अब महज आधा किलो की खपत के लिए भी सौ पापड़ बेलने को मजबूर किया जा रहा है। इसी तरह जूस बेचने वाले राजकुमार को भी हड़ताल के रूप में खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। उसके यहां भी ग्राहकी बंद हो गई है। यही हाल दवा दुकानदारों का है। महंगे किराये पर प्राइवेट अस्पताल में संचालित हो रही दवा की दुकानों पर भी ग्राहकी नहीं है। इसके साथ साथ ब्लड जांच, बीपी जांच, अल्टासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे जैसे जांच केन्द्रों पर लंबी लाइन लगाकर जांच करने और कराने वाले गायब होने से परेशानी उठानी पड़ रही है।