तहलका न्यूज,बीकानेर। जिले में निजी अस्पतालों में लापरवाही के मामले दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे है। जिसके चलते विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। मंजर यह है कि शिकायत के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे निजी चिकित्सालयों को क्लिन चिट मिल रही है। ऐसा ही प्रकरण जिले के श्रीडूंगरगढ़ तहसील में सामने आया है। जहां निजी अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की जान सांसत में आ गई। दरअसल,अस्पताल के डॉक्टर्स ने नवजात को गलत खून चढ़ा दिया। जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर को श्रीडूंगरगढ़ की राजकीय अस्पताल में पूजा ने एक बच्ची को जन्म दिया था। जब बच्ची की सरकारी अस्पताल से ब्लड जांच करवाई तो उसमें ओ पॉजिटिव ग्रुप आया। लेकिन बच्ची को तबीयत खराब होने पर परिजनों ने कस्बे के तुलसी मेडिकल रिसर्च सेंटर अस्पताल में जांच करवाई तो अस्पताल प्रशासन ने बच्ची की रिपोर्ट में ब्लड ग्रुप बी-पॉजिटिव बताया। बच्ची के लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य से चिंतित परिजन उसे लेकर बीकनेर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। जब उन्होंने रिपोर्ट देखी तो चिकित्सक के होश उड़ गये। उन्होंने दुबारा बच्ची का ब्लड ग्रुप चैक करवाया तो रिपोर्ट मे ओ-पॉजिटिव आया। परिजनों का आरोप है कि तुलसी मेडिकल रिसर्च सेंटर अस्पताल मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। मासूम बच्ची को यदि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। परिजनों की ओर से इसकी शिकायत सीएमएचओ को की गई। सूचना मिलने के बाद सीएमएचओं ने तुलसी मेडिकल रिसर्च सेंटर अस्पताल की कुण्डली खंगालनी शुरू कर दी है।