तहलका न्यूज,बीकानेर। बकाया पेंशन-वेतन का भुगतान करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को पूरा करवाने के लिए रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों ने बुधवार को केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर धरना देकर विरोध जताया। रिटायर्ड कर्मचारियों ने मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, प्रमुख शासन सचिव, प्रबंध निदेशक के नाम मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन सचिव गिरधारी ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों को 2 माह से वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 3 माह से पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को परिवार की आजीविका चलाने में कई परेशानियां हो रही है। राज्य सरकार और निगम प्रबंधन संवेदनहीन हो चुके है। कई बार आंदोलन करने के बाद भी रोडवेज के नियमित व सेवानिवृत कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। बजट में भी निगम को कुछ नहीं दिया गया। सरकार रोडवेज का निजीकरण करने की मानसिकता रखती है। जिसके कारण रोडवेज के हालात बद से बदतर होते जा रहे है।
ये है मांगे
ज्ञापन में मई 2022 से मार्च 2023 तक सभी बकाया सेवानिवृत्त परिणामों का एकमुश्त भुगतान करने, जनवरी 2023 से मार्च 2023 तक पेंशन और वेतन का एकमुश्त भुगतान करने, मासिक भुगतान में सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों में एकरूपता स्थापित करने, ओल्ड पेंशन योजना के पूर्व विकल्प खोलने, राज्य सरकार रोडवेज प्रबंधन की ओर से जारी आदेशों के अंतर्गत विकल्प पत्र अविलंब प्रस्तावित करने, सेवानिवृत्त दिन के अगले दिन से जीपीएस में राशि जमा कराने तक की अवधि के लिए निर्धारित 12 प्रतिशत ब्याज के प्रावधान को वापस लेने, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत पूरे वेतन पर पेंशन के संयुक्त विकल्प पत्र भरने में आ रही बाधाओं को जल्द दूर करने, सर्वोच्च न्यायालय में एटक यूनियन बनाम रोडवेज के निर्णय को लागू करते हुए ड्राइवरों और कंडक्टरों को रात और दिन भत्ते के अंतर की राशि के एरियर का भुगतान करने, अधिकतम भत्ते की गणना में कथित ऑडिट के नाम पर की जा रही नाजायज कटौती को बंद करने, सेवानिवृत्ति लाभों के विलंब से किए गए भुगतान और राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर ब्याज का भुगतान करने, पेंशन के सातवें वेतनमान में देरी से निर्धारण के फलस्वरुप एक से दो महीने के रोके हुए एरियर का भुगतान अविलंब करने, रोडवेज पेंशन विनियम 1989 को राज्य सरकार के पेंशन नियम 1996 के अनुरूप अपडेट करने, आरजीएच में आवेदन कर चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों के आरजीएचएस कार्डों को अविलंब एक्टिवेट करने की मांग की गई।