तहलका न्यूज,बीकानेर। महाराजा गंगासिंह विवि में परीक्षा निविदा संबंधित लाखों रू पये की राशि के लेनदेन को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने एक जने को गिरफ् तार किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार के नेतृत्व में विवि के परीक्षा भवन में पहुंची ब्यूरों की टीम ने अजमेर माइक्रो नीक कंपनी के डिप्टी चीफ मनोज सांखला को सात लाख रूपये सहित पकड़ा है। बताया जा रहा है कि यह राशि किसी अधिकारी को देने की बात कंपनी के इस प्रतिनिधि द्वारा की जा रही है। हालाकि ब्यूरो टीम विवि के किसी कार्मिक को लेकर भ्रष्टाचार का संदेह नहीं है। फिर भी इस प्रकार की कार्रवाई से एक बारगी विवि में हडकंप सा मच गया।
संदेह के घेरे में आया विवि
हालांकि मनोज सांखला से पूछताछ में ब्यूरो टीम को भ्रष्टाचार का संदेह तो नहीं है। लेकिन विवि के परीक्षा भवन में इस तरह सात लाख की राशि निविदा लेने को लेकर एक कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा पहुंचने से विवि संदेह के घेरे में जरूर आ गया है। पूर्व में भी विवि में एक व्यक्ति विशेष के हस्तक्षेप की पिछले दिनों प्रकाशित खबरों के चलते इस प्रकार की कार्रवाई ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया।परीक्षा का काम पूरी तरह गोपनीय होता है,ऐसे में बाहरी फर्म की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। हर साल लाखों स्टूडेंट्स के एग्जाम और इसके बाद रिजल्ट और रिचेकिंग के बाद रिजल्ट भी गोपनीय होते हैं। करोड़ों रुपए के इन कार्यों को लेकर विवि प्रबंधन पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।उधर,सूचना मिल रही हे कि विवि में कई बाहरी लोगों का जबरदस्त दखल पिछले कुछ समय में बढ़ गया है। ये लोग ही तय करते हैं कि किस काम का ठेका किसे मिलेगा और किस कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्राइवेट फर्म करती है परीक्षा का काम
दरअसल, महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में परीक्षा, एडमिशन फॉर्म के साथ आउट सोर्सिंग से जुडे सारे काम के लिए अजमेर की माइक्रो यूनिट इंफोटेक को टेंडर दे रखा है। दो साल से ये कंपनी विवि के ऑन लाइन एडमिशन फॉर्म भरवाने से लेकर परीक्षा के बाद कॉपी जांच और नंबर तक चढ़ाने के काम करती है।एएसपी आशीष कुमार ने बताया कि इनपुट था कि रिश्वत के रुपए यूविवि में देने थे। हालांकि हिरासत में लिए कर्मचारी मनोज सांखला का कहना है कि वह विवि में ही कार्यरत कंपनी के दो कर्मचारियों को रुपए देने आया था।