तहलका न्यूज,बीकानेर। श्रीराम कथा समिति के तत्वाधान में सीताराम भवन में चल रही 9 दिवसीय शिव पुराण कथा के पांचवें दिन वृन्दावन से पधारे महाराज भरत शरण ने कहा कि दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता भी बताई। साथ ही कहा कि जो दावा करे दुख मिटाने का,वो नकली है। क्योंकि जो असली है,वो आपके दुखों को मिटाने का दावा नहीं करेगा। वो आपके जीवन को समझाएगा कि इंसान का शरीर संसार में आया है तो दुख मिलेगा। लेकिन भगवान पर भरोसा रखना,सब ठीक हो जा एगा। महाराज श्री ने कहा कि शिव परिवार में भगवान के वाहक नन्दी,मां पार्वती का शेर,गणेश जी का मूसक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। शिव के गले मे सर्प रहते हैं जो सभी विपरीत विचारधारा के बीच सामंजस्य रखना ही शिव पुराण सिखाता है। महाराज ने कहा कि भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गए है, परंतु शिव ने विवाह भी कर संसार को गृहस्थ आश्रम में रहकर भी वैराग्य व योग धर्म का अनुसरण करने का तरीका दिया। कथावाचक भरत शरण ने कहा कि शिव पुराण में भगवान भोलेनाथ और मां जगत जननी पार्वती के विवाह की कथा का विवरण है।अपने बच्चों को भी भगवान शिव को जल चढ़ाने की सीख दें। यही संस्कार उसे आगे बढऩे में मदद करेगा। उन्होंने कहा कोरोना काल में किसी ने परिवार का साथ नहीं दिया,लेकिन तुम्हारे पुण्य जरूर काम आए। शिव पुराण की कथा कहती है जो इस कथा का श्रवण कर लेता है उसके शरीर की मुक्ति हो जाती है। इससे पहले वृंदावन से पधारे पंडित विक्रम सिंह तथा अवध बिहारी ने मुख्य यजमान बजरंग लाल,शांतिदेवी चांडक,नवल किशोर चांडक,विजय वर्षा चांडक,पवन,मधु चांडक,रितु चांडक,मनीषा चांडक,पूर्णिमा चांडक,प्रकाश चांडक,रागिनी चांडक ,सुमन चांडक तथा अभय-कश्यप चांडक आदि परिवार द्वारा पूर्ण विधि विधान द्वारा मंत्रोचार के साथ पूजन करवाया। इस अवसर पर नारायण डागा,जगदीश कोठारी,नारायण मिमानी,याज्ञवल्क्य दम्माणी,मोहित चांडक,विष्णु चांडक,घनश्याम कल्याणी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा में वाद्य यंत्रों पर सोनू बाबा,विष्णु तिवारी तथा बंटी महाराज ने शानदार भजनों की प्रस्तुति दी। संपूर्ण पंडाल को भक्ति पूर्ण भाव से वातावरण बनाया। कथा के अंत में महाआरती का आयोजन किया गया।