जोधपुर। गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ‘सरकार बनाम नवीन स्वामी व अन्य’ मामले में सरकार की ओर से दायर विशेष अपील याचिका को सामान्य शिक्षा विभाग की भर्तियों के संबंध में पूर्व में पारित न्यायिक दृष्टांत ‘मनीषा रानी बनाम सरकार’ मामले से भिन्न न मानते हुए खारिज कर दिया है | इसके साथ ही महात्मा गाँधी स्कूल संविदा भर्ती 2022 में स्नातक में तीनों वर्ष अनिवार्य तौर पर अंग्रेजी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए नियुक्ति के रास्ते खोल दिए हैं | चीफ जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस एम. लक्ष्मण की डिवीजन बेंच ने एकलपीठ द्वारा पारित निर्णय को बरकरार रखते हुए सरकार की ओर से डिवीजन बेंच के समक्ष दायर विशेष अपील याचिका को खारिज कर दिया है | अनिवार्य विषय को वैकल्पिक विषय के समकक्ष मानने में भर्ती एजेंसी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा की जा रही मनाही के कारण उक्त योग्यताधारी अनेकों चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति गत दो वर्ष से लंबित है | मामले में नियुक्ति से वँचित अभ्यर्थी नवीन स्वामी व अन्य की तरफ से एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने पक्ष रखा | उक्त मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ अक्टूबर 2023 में ही उक्त योग्यता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति का आदेश दे चुकी थी | परन्तु नये संविदा नियम 2022 का हवाला देकर सरकार ने एकलपीठ के निर्णय की पालना की बजाय खंडपीठ में अपील दायर कर दी थी |
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने महात्मा गाँधी स्कूल संविदा भर्ती में (लेवल-2) अंग्रेजी विषय के कुल 1219 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरु की थी | उक्त भर्ती की विग्यप्ति में स्नातक में तीनों वर्ष संबंधित विषय वैकल्पिक रूप से अध्ययनित होने अथवा समक्ष की शर्त तय की गई थी | याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों ने मुख्य विषय के तौर पर स्नातक में तीनों वर्ष अंग्रेजी विषय अनिवार्य तौर पर उत्तीर्ण किया हुआ है तथा अंतिम तौर पर चयनसूचि में चयनित हैं |

क्यों निरंतर पेश आती है यह चुनौति : मामले के नजदीकी जानकार वेदपाल धानोठी के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अनेक न्यायिक दृष्टांत पारित किए जाने के बावजूद प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के अभ्यर्थियों के समक्ष लगातार यह चुनौति पेश आ रही है | बड़ी संख्या में सीमावर्ती जिलों के अभ्यर्थी नजदीकी हरियाणा,पंजाब,दिल्ली,एमपी,गुजरात आदि प्रदेशों के नजदीकी कॉलेजों से स्नातक की नियमित पढ़ाई करते हैं | इन नजदीकी राज्यों के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में भाषायी विषय तीनों वर्ष मुख्य विषय के रूप में अनिवार्य तौर पर पढ़ाए जाते हैं | वहाँ भाषायी विषय वैकल्पिक विषयों की श्रेणी में शामिल नहीं है | वैकल्पिक विषय के संबंध में भर्ती नियम भी यही मांग करता है कि संबंधित विषय स्नातक में तीनों वर्ष तथा मुख्य विषय के रूप में अध्ययनित होना चाहिए | हाईकोर्ट के उक्त निर्णय से दो वर्ष से नियुक्ति से वँचित प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के अनेकों पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति का अवसर मिल सकेगा |