तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर के निवासी हरख चंद नाहटा की 25 वीं पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में भारत सरकार द्वारा एक सिक्का जारी किया गया है। जिसका विमोचन 2 फरवरी को राज्यपाल हरीभाऊ करेंगे। इस समारोह में केन्द्रीय कानून एवं विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल,पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,महाराष्ट्र के जैन माइनोरिटी,फाइनेंस डवपलमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन ललित एस गांधी,मध्यप्रदेश के सांसद अनिल फिरोजिया ,राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा सहित स्थानीय विधायक व जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। पत्रकारों को जानकारी देते हुए  हरखचंद्र नाहटा स्मृति न्यास की पदाधिकारी ललित नाहटा ने बताया कि 40 ग्राम शुद्ध चांदी का स्मारक सिक्के का भारत सरकार ने 31दिसंबर 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस प्रकार बीकानेर के किसी व्यक्ति की स्मृति में एक सिक्का जारी होना अनुकरणीय है। पत्रकार वार्ता में पदम नाहटा,कन्हैयालाल बोथरा और सुधीर लूणावत की मौजूद रहे।

बीते साल जारी हुआ था राजपत्र
सिक्के को जारी करने के संबध में 31 दिसंबर 2024 को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने गजट अधिसूचना भी जारी की थी। ललित नाहटा ने बताया कि यह सिक्का भारत सरकार की मुंबई टकसाल की ओर से बनाया गया है। यह 40 ग्राम है जो शुद्ध चांदी का बना है।

बीकानेर में जन्मे विरल विभूति नाहटा
कन्हैयालाल बोथरा ने बताया कि हरखचंद नाहटा 18 जुलाई 1936 में बीकानेर के एक प्रतिष्ठित परिवार सेठ भैरूंदान नाहटा के घर पर हुआ था। नाहटा एक समाजसेवी और परोपकारी उद्यमी थे। बोथरा के अनुसार नाहटा एक जीवट व्यक्तित्व और मृदुभाषी थे। कई शीर्ष सामाजिक और धार्मिक स ंस्थानों के कार्यों में सक्रिय रूप से सम्मिलित होकर सामाजिक कल्याण,धर्म,कला,संस्कृति और जीवदया के प्रचार प्रसार में व सार्वजनिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नाहटा त्रिपुरा के दुर्गम और निर्जन इलाकों में सड़क परिवहन शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। त्रिपुरा में सबसे बड़ी रेलवे आउट एजेंसी (त्रिपुरा टाउन आउट एजेंसी) को संभालते हुए और भारी लागत और जोखिम के साथ सड़क परिवहन का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया। वहीं दिल्ली और बीकानेर में मुख्य सडकों का नाम भी हरखचंद नाहटा के नाम से नामकरण किया हुआ है।नाहटा ने अपने टेक्नीशियन स्टूडियो के माध्यम से पूर्वी भारत में सिनेमा के विकास में बहुत योगदान दिया। कलकत्ता, जिसके साथ सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक और बासु भट्टाचार्य जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिनाम निर्देशक जुड़े थे। बाद में वे एक फिल्म फाइनेंसर और रियल एस्टेट कारोबारी बन गए। उन्होंने अपनी सलाह, मदद और संरक्षण के साथ फिल्मों और प्रदर्शन कला के कई उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित किया। वे कला और साहित्य के पारखी भी थे। व्यापार और उद्योग में उनके बहुमुखी योगदान के लिए,नाहटा को भारत के उपराष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। बोथरा ने बताया हरखचंद नाहटा 1990 में अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए जो जीवनपर्यन्त रहे।