तहलका न्यूज,बीकानेर। पुष्करणा समाज के शैक्षिक उत्थान,युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और राजनीतिक रूप से सक्षम बनाने के इन पांच मुद्दों को लेकर पुष्करणा समाज का महाकुम्भ रविवार को एमएम ग्राउंड में आयोजित किया गया। बीकानेर में 27 साल बाद हुए पुष्करणा महाकुंभ में उपस्थित समाज के मौजिजों ने खुलकर चर्चा की। समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला,ने कहा कि समाज में एकजुटता बनाए रखने की जरूरत है। एक दूसरे की कटवी करने की बजाय एकजुट रहकर अपना हक मांगने के लिये सभी को आगे आना होगा। डॉ कल्ला ने कहा कि हम 14 प्रतिशत सीटों पर राजनीतिक प्रभुत्व की बात कर रहे है। सभी राजनीतिक पार्टियों से जीतने वाली सीटों पर अपने हक के लिये पूरी शिद्दत से लडऩा होगा। उन्होंने विवाह समारोह में आचार संहिता बनाने की बात कहते हुए कहा कि जब तक हम सामाजिक क्रांति नहीं लाएंगे। तब तक समाज में बदलाव नहीं होगा। यह जिम्मेदारी युवाओं का उठाकर आगे आना होगा। डॉ कल्ला ने कहा कि समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाना होगा। इसके लिये समाज के भवनों में कोचिंग कक्षाएं लगाई जाएं जिसमें विषय विशेषज्ञों के जरिये होनहार विद्यार्थियों को तैयार किया जावें। डॉ कल्ला ने ईडब्लूएस का आरक्षण ओर बढ़े इसके लिये प्रधानमंत्री से बात करने की पैरवी भी की। साथ ही मंच से उठी ओबीसी में पुष्करणा को शामिल करने के लिये समाज के हर फैसले के साथ रहने का संक ल्प दोहराया। इस दौरान कर्मचारी नेता महेश व्यास ने कहा कि आज समय आगे बढऩे का है। हमारे समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उसके बाद भी समाज पिछड़ा हुआ है। अगर हम ओबीसी में अलग से आरक्षण की मांग करें तो निश्चित बदलाव देखने को मिलेगा। महाकुंभ के दौरान वक्ताओं ने एक होकर चलने का संदेश देते हुए युवाओं से नशे से दूर रहने तथा आर्थिक स्तर पर मजबूत होने की बात कही। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विधानसभा की 14 सीटों पर हमारा प्रभाव था लेकिन धीरे धीरे हमने इसे खो दिया। अब बीकानेर पश्चिम के अलावा जोधपुर से एक सीट आती है। विप्र फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मधु आचार्य ने सबसे पहले इस बात को रखा, जिसके बाद शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रामकिशन आचार्य ने भी कहा कि इन विधानसभाओं पर फिर से कब्जा करने की जरूरत है। बाद में अधिकांश वक्ताओं ने कहा कि जहां हम निर्णायक स्थिति में है, वहां एकजुट होकर काम करना होगा।इस दौरान लेखा सेवा की अधिकारी ज्योतिबाला व्यास ने समाज में महिलाओं के उत्थान की बात की। उन्होंने कहा कि समाज की महिलाओं को महादेव मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता। उन्हें प्रवेश दिलाने पर विचार होना चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा नहीं हुई।शुरूआत में 31 पंडितों ने एकसाथ मंत्रोच्चार कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। ग्राउंड में आने वाले लोगों के लिए 30 हजार स्क्वायर फीट का टेंट लगाया गया। इसमें सात हजार कुर्सियां लगाने के साथ ही आगे बैठने के लिए जाजम भी बिछाई गई । शामियाना समाज के लोगों से खचाखच भरा हुआ था।महाकुंभ में चैन्नई, बेंगलूरू, भदोही, अमरावती, मुंबई, कोलकाता, चित्तौडग़ढ़, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर, फलौदी आदि स्थानों से लोग पहुंचे। बाहर से आने वालों को पुष्करणा भवन,रत्तानी व्यासों की बगीची,लोडा मोडा बगीची और किसान भवन में ठहराने की व्यवस्था की गई है। आयोजन की सफलता के लिए आवास, सुरक्षा, भोजन, वाहन, आमंत्रण, मंच व्यवस्था सहित विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया। कार्यक्रम में समाज की 121 विभूतियों को पुष्करणा गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। पुष्करणा महाकुंभ मेें पुष्करणा समाज के चिकित्सक, वकील, इंजीनियर समेत अनेक लोग शामिल हुए।
मैं तो दो बार हारा,आध्यात्मिक अध्ययन किया
अपने संबोधन के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं तो दो बार हारा। उससे डॉ कल्ला के क्या फर्क पड़ा पुष्करणा समाज की पकड़ कमजोर हुई। मैं सौभाग्यशाली हूं और बीकानेर का आभारी हूं,जिन्होंने मुझे छ:बार जिताया। मैंने तो हार के दौरान आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया। लेकिन अब समय बदल गया है अपनी ताकत को पहचानें और आपसी मतभेद व आपसी मनमुटाव को छोड़ समाज को आगे बढ़ाने की बात करें।
पार्टियां समाज की न करें अनदेखी
पुष्करणा महाकुंभ के दौरान वक्ताओं ने राजनीतिक पार्टियों को भी आंख दिखाई। वक्ताओं ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां पुष्करणा समाज की अनदेखी न करें। समाज के जनप्रतिनिधियों को पार्टियों में उचित प्रतिनिधित्व दे, अन्यथा पार्टियों को इसका परिणाम चुनाव में भुगतने पड़ सकते है। साथ ही पुष्करणा समाज की सत्ता में उचित भागीदारी दिए जाने की मांग रखी।
इन्होंने किया संबोधन