तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर विकास प्राधिकरण में फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार अनापति जारी करने का एक मामला उजागर हुआ है। जिसको लेकर सदर थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई है। जिसमें दो साल पहले के अधिकारी के नाम से जनवरी 2025 का अनापति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। जबकि संबंधित अधिकारी का 2023 में ही स्थानान्तरण हो गया। पता चला है कि करणी नगर में स्थित पुलिस क्वाटर्स के पास डिवाइडर पर इंडस टावर लिमिटेड का एक टावर लगा जा रहा था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत बीकानेर विकास प्राधिकरण के सचिव को की। जिसके बाद जांच पड़ताल कर कंपनी के इंजीनियर अनीस खान को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये कहा गया। जिन्होंने एनओसी के दस्तावेज दिखाएं तो बीकानेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के होश उड़ गये। बताया जा रहा है कि बीकानेर विकास प्राधिकरण की ओर से जारी की गई एनओसी जनवरी 2025 की थी। जिस पर अधिकृत सचिव के हस्ताक्षर के रूप में श्रीमती अपर्णा गुप्ता की बजाय यशपाल आहुजा के हस्ताक्षर थे। जबकि यशपाल आहुजा 2023 तक ही नगर विकास न्यास के सचिव पद पर कार्यरत रहे। मजे की बात तो यह है कि बीकानेर विकास प्राधिकरण की ओर से जारी इस एनओसी का कार्यालय में किसी प्रकार का रिकार्ड तक नहीं है। ऐसे में आहुजा के हस्ताक्षरयुक्त जनवरी 2025 की एनओसी जारी होना कही न कही विभागीय कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।

कनिष्ठ अभियंता ने दर्ज करवाया मामला
नगर विकास न्यास के सचिव रहे यशपाल आहुजा के नाम से जनवरी 2025 में टावर लगाने की एनओसी जारी करने का मामला सदर थाने में दर्ज हुआ है। इसको लेकर बीकानेर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता रामजस पूनियां ने रिपोर्ट लिखवाई है कि इंडस टावर लिमिटेड को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एनओसी जारी की गई है। जबकि बीकानेर विकास प्राधिकरण कार्यालय में इस प्रकार की एनओसी जारी होने का कोई रिकार्ड नहीं है। गौरतलब रहे कि यशपाल आहुजा 2023 में नगर विकास न्यास के सचिव थे। जिनका स्थानान्तरण हो गया और अब नगर विकास न्यास भी बीकानेर विकास प्राधिकारण बन गया।पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। जांच स्वयं थानाधिकारी दिगपाल सिंह कर रहे है।