तहलका न्यूज,बीकानेर। केंद्र सरकार की अमृत व स्मार्ट सिटी योजना से तैयार होने वाली सीवर लाइन ने शहर को राहत कम सिरदर्द ज्यादा दिया है। सीवर लाइन प्रोजेक्ट में पूरे शहर को खोदकर डाल दिया गया है। शहर के हर कोने,हर गली में सड़के मुंह बाएं खड़ी है। सड़कों पर मलवा और गड्ढे लोगों को चोटिल कर रहे हैं,लेकिन जिम्मेदार सोए है। सीवर लाइन डालने के बाद भी सड़कों को पुन: नहीं बनाने से लोग परेशान हैं। सड़कों को खोदने और सीवर लाइन डालने के बाद मिट्टी का लेवल सही नहीं करने से सड़कों पर गड्ढ़े और ऊबड-खाबड़ होने से पैदल और वाहन चालकों का इन सड़कों से निकलना दूभर बना हुआ है। जिन क्षेत्रों में पिछले कई माह से सीवरेज कार्य चल रहे हैं,उन क्षेत्रों के लोग धूल-मिट्टी और बदहाल सड़कों से परेशान हो गए हैं।

नलों में आ रहा है गंदला पानी
इतना ही नहीं आधे शहर में इस समय नलों मेें गंदा पानी आने की शिकायत बढ़ती जा रही है। सीवरेज योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन और चेम्बर का दूषित पानी पेयजल लाइन के माध्यम से आम घरों में पहुंच रहा है। इससे लोग पेट दर्द समेत अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे हंै। नगर निगम के अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।हालात यह है कि अस्पतालों में सर्वोधिक मरीज इन दिनों पेट की बीमारियों के आ रहे है। इनमें उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या ज्यादा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो हर दूसरा मरीज उल्टी दस्त का बताया जा रहा है।

नहीं हो रही मॉनिटरिंग
हालात यह है कि जहां जहां सीवरेज डाली जा रही है। वहां जिम्मेदार किसी प्रकार की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे है। ऐसे में सीवरेज में डाले जाने वाले पाईप की मोटाई,गोलाई सहित अनेक मापदंडों का पता नहीं चल पा रहा है। पाइप डालते समय जलदाय विभाग की लाइन टूट जाती है तो उसको ठीक तरीके से दुरस्त नहीं किया जा रहा है। जिससे लीकेज के चलते घरों में गंदला पानी सप्लाई हो रहा है। हालात यह है कि तेज गर्मी के चलते रात्रिकालीन काम होने के कारण इसकी उचित मॉनिटरिंग नहीं होने से खतरा बना हुआ है। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में ये आमजन के लिये खतरे की घंटी न हो जाएं।