तहलका न्यूज,बीकानेर। यूपीएससी ने सिविल सर्विस एग्‍जाम 2024 का फ ाइनल रिजल्‍ट जारी कर दिया है। इसमें बीकानेर के कई होनहारों ने सफलता हासिल की है। इसमें आदित्य आचार्य,अजीत दफ्तरी,श्रीडूंगरगढ़ की ममता जोगी,हरिओम पांडिया,रामनिवास सियाग जैसे होनहार शामिल है। आचार्य चौक निवासी आदित्य आचार्य का भारतीय पुलिस सेवा में चयन होना निश्चित हो गया है। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से मंगलवार को जारी लिस्ट में आदित्य का नाम 96 नंबर है। आचार्य चौक में रहने वाले आचार्य परिवार में मंगलवार दोपहर से ही बधाईयों का सिलसिला जारी हे। आदित्य ने जयपुर में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एग्जाम की तैयारी भी वहीं से की। आदित्य के पिता अमित आचार्य भी अर्से से जयपुर में ही रह रहे हैं। प्राइवेट नौकरी करने वाले अमित परिवार के साथ जयपुर के मानसरोवर में रहते हैं। आचार्य के रिश्तेदार सतीश चन्द्र व्यास ने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अजीज रहे चांद रतन आचार्य के पौत्र आदित्य शुरू से ही होनहार था। पढ़ाई में हमेशा अवल्ल रहने वाले आदित्य के मन में आईएएस और आईपीएस बनने का सपना था। आज उसकी मेहनत रंग लाई है। आदित्य से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि उनके दृढ़ संकल्प की वजह से ही उन्होंने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल कर ली है। बीकानेर के मूल निवासी अजीत दफ्तरी ने संघ लोकसेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में 371 वीर रैंकिंग प्राप्त की है। आज घोषित परिणाम में अजीत दफ्तरी को यह सफलता मिली । जयचंद लाल दफ्तरी के पोते और पदम दफ्तरी के भतीजे अजीत दफ्तरी अपनी इस सफलता का श्रेय पूरे परिवार को देते हैं। उनका कहना है कि उनके दादा जयचंद लाल और पिता पंकज दफ्तरी ने उन्हें अच्छे संस्कार दिए और इन्हीं संस्कारों की वजह से वह एकाग्रता से पढ़ाई को पूरी कर सके। अजीत दफ्तरी फिलहाल हनुमानगढ़ में रहते है और उनके पिता का व्यवसाय भी हनुमानगढ़ में है। अजीत दफ्तरी की इस सफलता पर उनके अंकल पदम दफ्तरी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उनका कहना है कि अजीत हमेशा से ही परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करते रहे। कुशाग्र बुद्धि के अजीत का खेलकूद में भी काफी लगाव है और उन्हें सबसे ज्यादा पुस्तक पढऩा पसंद है।यूपीएससी की ओर से आज घोषित परिणाम की सूचना यहां पहुंचते ही खुशी का माहौल हो गया। परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की।श्रीडूंगरगढ़ की बेटी 28 वर्षीय ममता पुत्री विजयलाल जोगी तथा 22 वर्षीय हरिओम पांडिया पुत्र छगनलाल पांडिया ने प्रथम प्रयास में परीक्षा में सफलता हासिल की है। दोनों ही परिवारों में खुशी का माहौल छा गया है और सभी जानकार व मित्रगण परिजनों को बधाइयां दे रहें है। ममता शिक्षा विभाग में हिंदी व्याख्याता के पद पर सेवारत है। उन्होंने इस एग्जाम में 921वीं रैंक हासिल की है।वहीं,22 वर्षीय हरिओम ने भारती निकेतन स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की तथा लॉ के विद्यार्थी है। हरिओम ने अपने प्रथम प्रयास में 160वीं रैंक पर परीक्षा पास कर संभवत सबसे युवा आईएएस बनने का गौरव भी प्राप्त किया है। हरिओम कक्षा 10 में भारती निकेतन से राजस्थान टॉपर रहें और वे शुरू से ही पढाई में टॉपर रहें है। श्रीडूंगरगढ़ कालूबास निवासी इस परिवार को सभी जानकार बधाई दे रहें है।

5.8 लाख कैंडिडेट्स ने दी परीक्षा
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पिछले साल 16 जून को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए कुल 9,92,599 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से 5,83,213 उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए। कुल 14,627 उम्मीदवार लिखित (मुख्य) परीक्षा के लिए योग्य पाए गए जो सितंबर 2024 में आयोजित की गई थी। इनमें से 2,845 उम्मीदवार इंटरव्यू के चुने गए। इनमें से 1,009 उम्मीदवारों (725 पुरुष और 284 महिलाएं) को विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयोग ने अनुशंसित किया है। प्रीलिम्स परीक्षा 16 जून, 2024 को हुई थी, जबकि मेन्स परीक्षा का आयोजन 20 से 29 सितंबर, 2024 के बीच हुआ था। वहीं, इंटरव्यू जनवरी से अप्रैल, 2025 के बीच आयोजित किया गया था।