तहलका न्यूज,बीकानेर। न्यायिक कर्मचारियों कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर आन्दोलन लगातार जारी है। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के नेतृत्व में चल रहे इस आन्दोलन में आज न्यायिक कर्मचारियों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिये रूद्राभिषेक किया। कर्मचारियों ने राज्य सरकार की हठधार्मिता के विरुद्ध सद्बुद्धि यज्ञ पंडित रामानुज की टीम रोहित,मोहित,मनीष,रमाकांत,राधाकिशन, नमामि शंकर,रजत ओझा,विकास सोलंकी,नारायण दास रंगा और देवेंद्र मेड़तिया प्रांतीय प्रतिनिधिगण के साथ अश्विनी,नंदकिशोर व्यास,अनवर,राजेश बिश्नोई,विजय चोमल,प्रमोद मोदी,महेश व्यास,राजाराम बिश्नोई इत्यादि शामिल रहे। प्रदेश के पूर्व संयोजक गिरिराज बिस्सा ने कहा कि राज्य सरकार ने हठ पकड़ रखी है और वह यह आदेश कर नहीं रही है जो कि उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। इस कारण प्रदेश के समस्त जिलों में न्यायिक कर्मचारी संघर्ष करने और सामूहिक अवकाश पर जाने पर मजबूर हैं। बीकानेर जिले में सभाध्यक्ष जहांगीर हुसैन तंवर व पंडित रामानुज सारस्वत की टीम ने सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। पूर्व सेक्रेटरी रामकुमार हर्ष ने बताया कि सरकार और न्यायिक प्रशासन ने बार-बार आश्वासन दिया,लेकिन कैडर पुनर्गठन की स्वीकृत योजना अभी तक लागू नहीं हुई है। राजस्थान हाई कोर्ट की फुल बेंच ने 6 मई 2023 को न्यायिक सहायक और स्टेनोग्राफर कै डर के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि,सरकार ने इसे अभी तक अधिसूचित नहीं किया है। । इस मौके पर कर्मचारी नवनीत जोशी,शंकर लाल व्यास,ख्वाजा आरिफ,सौरभ व्यास तथा महिला कर्मी माधुरी आचार्य,अभिलाषा आचार्य,तपस्या शर्मा,रश्मि,रुखसाना बानो आदि शामिल रहे।

भूख हड़ताल जारी
उधर इस मांग को लेकर राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र नारायण जोशी 14 जुलाई से जयपुर में आमरण अनशन पर हैं तथा उनके साथ बृजेश शर्मा पूर्व अध्यक्ष जयपुर जिला संघ आमरण अनशन पर बैठे है। उन्होंने अनशन पर राज्य सरकार द्वारा सुनवाई नहीं होने के कारण 18 जुलाई को पूरे प्रदेश में सामूहिक अवकाश की घोषणा की। जिसकी अक्षरत प्रत्येक जिले में पालन की जा रही है।

मुकदमों की सुनवाई रूकी
हड़ताल के कारण अदालतों में मुकदमों की सुनवाई रुक गई है। दस्तावेजों की नकल और अन्य प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हैं। सभी न्यायिक कर्मचारी गैरहाजिर रहे। न्यायालय परिसर में क र्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन और तेज होगा। इसमें अन्य कर्मचारी संगठन भी शामिल हो सकते हैं। इस हड़ताल से वक ीलों,पक्षकारों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।