तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर राज्य सरकार कर्मचारियों की लंबित मांगों का निस्तारण कर उनको परिलाभ देने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को प्रतिमाह अपनी पेंशन के लिये अपने ही विभाग के चक्क र निकालने पड़ रहे है। जिसके चलते उनके त्योहार भी फीके हो गये है। ऐसे ही हालात बीकानेर नगर विकास न्यास के है। जिनके सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मार्च माह की पेंशन के लिये विभाग के लेखाधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। हालात यह है कि जिले में सरकार के नुमाईदों के रूप में तीन मंत्री और चार आयोगों के अध्यक्ष है। उसके बाद भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हालात बद से बदतर स्थिति में है। जब इस बारे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से बात हुई तो सामने आया कि पेंशन बिल देरी से बनाने,डीएससी में तकनीकी खराबी होने,पीडी खातों का कोष कार्यालय से मिलान नहीं होने व लेखा-न्यास सचिव के गैर हाजिर रहना बड़ा कारण है। जिसके कारण पेंशन के भुगतान में देरी हो रही है। पेंशन देरी के चलते ईद और आखातीज जैसे त्योहार की खुशी में भी खलल पड़ा है।
जिले के मालिक है,न्यास के मुखिया
मंजर यह है कि जिला कलक्टर स्वयं नगर विकास न्यास के मुखिया है। उसके बाद भी न्यास में अव्यवस्थाओं का आलम है। न तो सचिव और न ही लेखा शाखा के अधिकारी नियमित रूप से बैठते है। जिसके कारण पेंशन ही नहीं अन्य प्रशासनिक कार्य भी अटक रहे है। इसको लेकर स्थानीय मंत्री व आयोग के अध्यक्ष भी गंभीर नहीं है।