जयपुर। आगमी विधानसभा चुनावों को फतह करने के लिये बीजेपी एक नई रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत तकरीबन 18 सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ाया जा सकता है। सांसदों को विधानसभा के चुनावी समर में उतारने के पीछे लोकसभा चुनावों में नए चेहरों पर दांव की सियासत भी हो सकती है। बीजेपी भली भांति जानती है कि राजस्थान में सत्ता मिलने के बाद लोकसभा का समर ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। इसके लिये पहले विधानसभा को फतेह करना जरूरी है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार चुनाव में जीताऊ उम्मीदवार को उतारना चुनावी रणनीति का एक हिस्सा होती है। इसके लिये यह मायने नहीं रखता कि वो विधायक हो या सांसद। अगले लोकसभा चुनाव को जीतने से पहले राज्य की बीजेपी की निगाहें विधानसभा चुनाव पर टिकी है। जिसके लिये भारतीय जनता पार्टी ने अभी से बिसात बिछा दी है। पूर्वी राजस्थान के दौरे पर आकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जता दिया है कि बीजेपी भावी चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है। तैयारी के इसी तिलिस्म के पीछे यह सामने आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अपने मौजूदा कुछ सांसदों को विधानसभा की चुनावी समर में उतार सकती है। भारतीय जनता पार्टी के अभी राजस्थान में 25 लोकसभा सांसद और 6 राज्यसभा सांसद है। 2014 के लोकसभा चुनावों में राज्य की बीजेपी ने 100 फीसदी जीत के मद्देनजर कुछ विधायकों को सांसद का चुनाव लड़ाया था। इनमें ओम बिरला, बहादुर सिंह कोली,सांवर लाल जाट और संतोष अहलावत प्रमुख थे। यह चारों विधायक बाद में सांसद बने थ। पुराने फार्मूले को नवीन शेप में अपनाते हुये बीजेपी अब लोकसभा सांसदों को विधानसभा चुनाव 2023 में आजमाने का मन बना रही है। इसके लिये भाजपा ने कुछ नामों पर मंथन भी करना शुरू कर दिया है। जिन सांसदों पर भाजपा विधानसभा में दावं खेल सकती है,उनमें
ओम बिरला, लोकसभा सांसद
– वर्तमान में कोटा-बूंदी से बीजेपी सांसद
– अभी लोकसभा स्पीकर के सम्मानजनक पद पर है
– ओम बिरला लड़ सकते है कोटा
– शहर की किसी सीट से विधानसभा चुनाव
– पार्टी धारीवाल के सामने भी लड़ा सकती है चुनाव
– बिरला पहले कोटा दक्षिण से रह चुके विधायक
– उन्हीं की खाली की गई सीट पर उनके सियासी संदीप शर्मा विधायक बने थे
– ये भी संभव संदीप के स्थान पर बिरला लड़े चुनाव !
निहाल चंद मेघवाल
– वर्तमान में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ लोकसभा सांसद
– पूर्व केंद्रीय मंत्री निहाल चंद को लड़ाया जा सकता है रायसिंहनगर से विधानसभा का चुनाव
– रायसिंहनगर से पहले भी निहाल चंद रह चुके है विधायक
रंजीता कोली
– वर्तमान में भरतपुर से बीजेपी सांसद
– रंजीता कोली को लड़ाया जा सकता है वैर या फिर बयाना विधानसभा सीट से चुनाव
अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री
– वर्तमान में बीकानेर से लगातार सांसद
– मोदी सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री
– अर्जुन राम मेघवाल को खाजूवाला, अनूपगढ़ अथवा सुजानगढ़ से विधानसभा के चुनावी समर में उतारा जा सकता है
– बीजेपी में मोदी और शाह दोनों के करीब
नरेंद्र कुमार मंडावा
– अभी झुंझुनूं से लोकसभा सांसद
– नरेंद्र कुमार को मंडावा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की संभावना
– नरेंद्र पहले भी रह चुके मंडावा से रूरु्र
गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री
– जोधपुर से लोकसभा सांसद
– गजेन्द्र सिंह शेखावत को पोकरण, सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की संभावना
– मोदी और शाह दोनों के नजदीक कहे जाते है गजेंद्र
कैलाश चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री
– बाडमेर-जैसलमेर से लोकसभा सांसद
– बायतू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा
– कैलाश चौधरी पहले भी रह चुके है बायतू विधायक
रामचरण बोहरा
– जयपुर शहर से लोकसभा सांसद
– जयपुर से सांसद रामचरण बोहरा को जयपुर की किसी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है.
डॉ किरोड़ी लाल मीणा, राज्यसभा सांसद
– डॉ किरोड़ी है बीजेपी से राज्यसभा सांसद
– पूर्वी राजस्थान की कम से कम 8 सीटों पर उनकी नजर
– लालसोट, दौसा, महुवा, सपोटरा, राजगढ़, बामनवास, सवाई माधोपुर और टोड़ाभीम पर नजरें
– नेतृत्व तय करेगा डॉ किरोड़ी कहां से आजमायेंगे भाग्य
राज्य वर्धन सिंह राठौड़, पूर्व केंद्रीय मंत्री
– जयपुर ग्रामीण से भाजपा सांसद
– मोदी सरकार में सूचना प्रसारण, युवा, खेल राज्य मंत्री रह चुके
– राज्यवर्धन सिंह विधानसभा के चुनावी समर में उतारे जा सकते है
– कोटपूतली या शाहपुरा से लड़ाया जा सकता चुनाव
जसकौर मीणा सांसद
– दौसा से लोकसभा सांसद
– लालसोट अथवा सवाई माधोपुर से लड़ सकती विधानसभा का चुनाव
रामकुमार वर्मा राज्यसभा सांसद
– दौसा जिले के सिकराय, बगरू से उम्मीदवार बनाया जा सकता है
– बीजेपी के दलित नेताओं में होती है गिनती
कनक मल कटारा, सांसद
– बांसवाड़ा-डूंगरपुर से लोकसभा सांसद
– क्चञ्जक्क को रोकने के लिए सागवाड़ा से उत्तर सकते है चुनावी मैदान में
– वरिष्ठ आदिवासी नेता कटारा पहले भी रह चुके विधायक
महंत बाबा बालकनाथ योगी, सांसद
– अलवर से लोकसभा सांसद
– बहरोड़ या तिजारा से लड़ सकते है विधानसभा चुनाव
– यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के नजदीक
– बहरोड़ से एक बार रह चुके विधायक
भागीरथ चौधरी सांसद
– अजमेर से लोकसभा सांसद है
– किशनगढ़ से रह चुके विधायक
– फिर लड़ाया जा सकता है किशनगढ़ से
दीया कुमारी सांसद
– राजसमंद से भाजपा की सांसद
– जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी
– जयपुर शहर की किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकती है
– सवाई माधोपुर सीट पर भी जा सकती है फिर से
– सवाई माधोपुर से बीजेपी की विधायक भी रह चुकी
राहुल कसवां सांसद
– चूरु से भाजपा के युवा लोकसभा सांसद
– राजगढ़ सीट से लड़ सकते है चुनाव
– अरसे तक कसवां परिवार का इस सीट पर रहा दबदबा
सुखबीर सिंह जौनपुरिया, सांसद
– अभी टोंक सवाई माधोपुर से भाजपा के सांसद
– टोंक या देवली उनियारा से लड़ाया जा सकता है विधानसभा का चुनाव
जिन सांसदों का विधानसभा की सीटों पर चुनाव लड़ाने को लेकर नाम गंभीरता से चल रहा है उनमें से सात नेता ऐसे है जो पहले भी विधायक रह चुके और बाद में सांसद बने थे। विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तैयारी शुरू हो चुकी है कहा जा रहा है कि बीजेपी ने दो सर्वे भी करा लिए है इन्ही सर्वे से निकले तथ्यों के आधार पर यह चर्चा के सामने आई है कि कुछ सांसदों को अगर विधानसभा का चुनाव लड़ा दिया जाए तो इससे लाभ होगा, नुकसान नहीं। ऐसा हुआ तो तकरीबन एक दर्जन सांसद हमें विधानसभा का चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं।