



तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर में फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों पर प्रवर्तन निदेशालय की गाज गिरी है। जिसके चलते पूर्व पार्षद सहित तीन जनों पर ईडी की छापेमारी हुई है। ईडी के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ सुभाषपुरा और फड़ बाजार सहित कई स्थानों पर बुधवार को एक साथ यह छापेमारी की है।अब तक ईडी की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है,लेकिन माना जा रहा है कि फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों पर विदेशी फंडिंग होने की आशंका में ये कार्रवाई हो रही है।
पूर्व पार्षद के घर हो रही कार्रवाई
सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में ईडी ने सुभाषपुरा के लिए पुलिस बल मांगा था। जिसके बाद पुलिस ईडी के साथ है। इसके अलावा कोटगेट थाना क्षेत्र के फड़ बाजार में भी ईडी पहुंच गई है। यहां भी एक व्यापारी के यहां पर ईडी अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। सुभाषपुरा में ये कार्रवाई पूर्व पार्षद जावेद खान के घर पर हो रही है,वहीं धोबीतलाई निवासी मो सदीक और फड़ बाजार में असगर के घर पर ईडी की टीम पूछताछ कर रही है।
करीब 6 ठिकानों पर पुलिस पहुंची ईडी की टीम
बताया जा रहा है कि मंगलवार को ही बीकानेर पहुंच गई थी। जिसने बुधवार अलसुबह पुलिस से सम्पर्क करके हाथों हाथ पुलिस बल उपलब्ध कराने का आग्रह किया। एसपी कावेंद्र सिंह सागर के आदेश पर कोटगेट और सदर पुलिस बल इस टीम के साथ पहुंचा। सदर थानाधिकारी खुद भी सुभाषपुरा पहुंचे। मुक्ता प्रसाद नगर थाना क्षेत्र में भी ईडी की टीम पहुंची है। माना जा रहा है कि ये संख्या 2 से ज्यादा हो सकती है। करीब 6 ठिकानों पर पुलिस पहुंची है। पिछले दिनों में बीकानेर में फिलिस्तीन के समर्थन में कुछ गतिविधियां हुई थी। ऐसे में इन लोगों पर पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी।
पूरी तरह गोपनीय है कार्रवाई
ईडी की टीम ने बीकानेर में कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय बनाकर रखा है। फड़ बाजार के जिस घर में ये कार्रवाई हो रही है, उससे काफी पहले रास्ता बंद कर दिया गया है। किसी भी व्यक्ति को यहां आने जाने पर रोक है। मीडिया को दूर ही रोक दिया गया है, ताकि कोई फोटो नहीं ले सके।
मुख्य किरदारः धोबी तलाई का सदीक खान
इस पूरे प्रकरण का केंद्र माने जा रहे हैं सदीक खान,जो बीकानेर के धोबी तलाई इलाके के निवासी हैं। सदीक पहले दुबई में रहते थे और वहाँ “दुबई दरबार” नामक चिकन रेस्टोरेंट चलाते थे। जांच एजेंसियों का दावा है कि दुबई में रहते हुए सदीक ने पाकिस्तान, नेपाल, इराक, सीरिया और सऊदी अरब जैसे देशों में गहरी पकड़ बनाई और बाद में इन्हीं संपर्कों के ज़रिए भारत में हवाला चैनल तैयार किया।सूत्रों के अनुसार सदीक लंबे समय से संदेह के घेरे में थे, क्योंकि उनके खातों में संदिग्ध पैसों का लेन-देन हो रहा था और बीकानेर में उनकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही थीं। दिलचस्प बात यह भी है कि सदीक ने दो शादियाँ कीं, जिनमें से दूसरी शादी ईरान में की गई। एजेंसियां यह पड़ताल कर रही हैं कि क्या उनकी अंतरराष्ट्रीय निजी रिश्तेदारियाँ ही हवाला तंत्र को मजबूत करने में सहायक बनीं।
मदरसे पर उठे सवाल
सदीक खान का एक और विवादास्पद पहलू धोबी तलाई में चलाया जाने वाला उनका मदरसा है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस मदरसे को धार्मिक शिक्षा के नाम पर विदेशी फंडिंग की चैनलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। कुछ सूत्रों का दावा है कि यहाँ युवाओं को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाता था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में मदरसे में बाहर से आने-जाने वालों की संख्या बढ़ गई थी। अब यह जांच का विषय है कि मदरसे के नाम पर आने वाले चंदे का इस्तेमाल कहीं गैर-कानूनी कामों के लिए तो नहीं हो रहा था।
स्थानीय कारोबारी के नाम का खुलासा
जांच का दायरा बढ़ाते हुए ईडी ने बीकानेर के एक अग्रवाल समाज के कारोबारी को भी शक के घेरे में लिया है। सूत्रों ने बताया कि उसका नाम हवाला लेन-देन में सामने आया है और यह देखा जा रहा है कि क्या उसकी वैध कारोबारी गतिविधियों के आड़ में अवैध लेन-देन हो रहा था।
फिलिस्तीन समर्थक गुटों पर भी निगरानी
ईडी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि यह नेटवर्क केवल हवाला और विदेशी फंडिंग तक सीमित नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बीकानेर में सक्रिय कुछ फिलिस्तीन समर्थक गुटों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। इन गुटों की फंडिंग चैनलों और सदीक खान के नेटवर्क में कोई संबंध है या नहीं, इसकी गहन पड़ताल की जा रही है।
पुराने हवाला मामलों से जुड़ाव
सूत्रों का यह भी दावा है कि बीकानेर का यह मामला किसी एक नेटवर्क तक सीमित नहीं बल्कि पहले उजागर हुए हवाला मामलों से जुड़ा हुआ हो सकता है। एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों तक फैला हुआ है और इसकी जड़ें विदेशों से जुड़ी हुई हैं। चूंकि बीकानेर पाकिस्तान की सीमा से सटा इलाका है, इसलिए यह मामला और भी संवेदनशील माना जा रहा है।
शहर में हलचल और अफवाहों का दौर
सीआरपीएफ और पुलिस की भारी तैनाती से पूरे शहर में हलचल मच गई। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर तरह-तरह की अफवाहें फैल गईं-कहीं इसे आतंकी फंडिंग का मामला बताया गया तो कहीं इसे अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट से जोड़कर देखा गया।फड़बाजार के एक दुकानदार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमने बीकानेर में इतनी बड़ी कार्रवाई कभी नहीं देखी। हर गली में पुलिस और सीआरपीएफ तैनात है। लोग डरे हुए भी हैं और जानने के लिए उत्सुक भी।”
ईडी और सुरक्षा एजेंसियों की चुप्पी
फिलहाल ईडी और पुलिस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। जयपुर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई अभी जारी है और मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की जाएगी। लेकिन जिस पैमाने पर कार्रवाई की गई है, उससे यह स्पष्ट है कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान के रेगिस्तानी जिले लंबे समय से स्मगलिंग,अवैध लेन-देन और सीमा पार खुफिया गतिविधियों के लिए संवेदनशील रहे हैं। अगर मौजूदा मामले में विदेशी फंडिंग, हवाला चैनल और उग्रपंथी गुटों का कनेक्शन साबित होता है, तो यह एक बड़ा सुरक्षा संकट साबित हो सकता है।फिलहाल, बीकानेर शहर इस कार्रवाई से हिल गया है। आम लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आने वाले दिनों में ईडी की जांच से क्या राज़ सामने आते हैं और क्या यह केवल स्थानीय हवाला नेटवर्क का मामला है या फिर एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय जाल, जिसकी परतें भारत से लेकर विदेशों तक फैली हुई हैं।