तहलका न्यूज,बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बीजेपी ने आते ही रिफाइनरी सहित हमारी योजनाओं को बंद कर दिया। नींबू और दूध में यही फर्क है। वसुंधरा राजे के समय की योजनाओं को हमने बंद नहीं किया। हमने तो उनकी श्वक्रष्टक्क सहित सारी योजनाओं को चालू रखा है। वसुंधरा राजे ने बीकानेर संभाग के सूरतगढ़ में ही बोला था कि नींबू और दूध मिल नहीं सकते तो आप दोनों में फर्क देख सकते हैं।

दूध और नींबू में अंतर वाले बयान पर पलटवार
जसरासर गांव में बुधवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने इस किसान सम्मेलन के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया। इसी कार्यक्रम में दोपहर करीब तीन बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे थे। सम्मेलन के बाद गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए वसुंधरा राजे के दूध और नींबू में अंतर वाले बयान पर पलटवार किया।

मैं देते-देते नहीं थकूंगा
इससे पहले सम्मेलन में अशोक गहलोत ने कहा- मैंने सभी विधायक और मंत्रियों से कहा है कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। मुझे पता नहीं था कि ये विधायक जिले मांग लेंगे। तब भी मुझे इनके वादे पूरे करने पड़े। 19 जिले राजस्थान की जनता को दे दिए, क्योंकि मैंने कहा था देते हुए थकूंगा नहीं।

बीजेपी की मंशा खतरनाक
सीएम अशोक गहलोत ने कहा- क्रस्स् और बीजेपी की मंशा बहुत खतरनाक है। देश समय पर नहीं समझा तो आने वाली पीढिय़ां भुगतेंगी। यहां रूस, चीन की तरह चुनाव होंगे, लेकिन नकली चुनाव होंगे। एक पार्टी होगी। वो ही आपस में चुनाव लड़कर नाटक करेगी। सत्ता में बार-बार आएगी। आज हम सांसद और विधायक बनने गरीब के घर में जाते हैं। किसान के घर जाते हैं। बुजुर्ग लोगों के पैरों के हाथ लगाते हैं। यह सब खत्म हो जाएंगे। आम आदमी का सम्मान लोकतंत्र की वजह से है।

महंगाई राहत कैंप का दौरा किया
इससे पहले सीएम ने यहां महंगाई राहत कैंप का भी दौरा किया। राहत कैंप में सीएम ने फुसी देवी नाम की एक महिला से सरकारी योजनाओं को लेकर बात की। महिला ने मुख्यमंत्री से कहा- आप जो दे रहे हैं, वो जोरदार है। आप तो गांवों में महिलाओं के सिर से ये घूंघट हटवाओ। इस पर गहलोत ने समर्थन किया। कहा- ये बंधन है, इससे मुक्ति मिलनी चाहिए।

ऐसा सीएम नहीं देखा
इससे पहले जसरासर में सभा को राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा- बहुत से चीफ मिनिस्टर कंजूस होते हैं। गहलोत कहते हैं जितने ले जाने हैं, मुझसे ले जाओ। ऐसा सीएम कहीं नहीं देखा। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- एक करोड़ लोगों को 100 यूनिट बिजली का लाभ मिलेगा। अब तक शिक्षा विभाग 90 हजार को रोजगार दे चुका है। इसी साल 1 लाख युवाओं को और रोजगार दिया जाएगा। राज्य खेल क्रीड़ा परिषद (राजस्थान स्पोट्‌र्स काउंसिल) की चेयरमैन कृष्णा पूनिया ने कहा- खेल के क्षेत्र में गहलोत सरकार ने सर्वाधिक काम किया। मेडल जीतने पर पुलिस में भी नौकरी मिली।

पिछले चुनाव में हार गए थे
पिछले दिनों रामेश्वर डूडी घोषणा कर चुके हैं कि वो नोखा से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में शक्ति प्रदर्शन को चुनावी शंखनाद माना जा रहा है। पिछले चुनाव में डूडी नोखा से ही भाजपा के बिहारीलाल बिश्नोई से चुनाव हार गए थे। अगर डूडी चुनाव जीत जाते तो बड़े राजनीतिक पद के हकदार होते।

बड़ी सभा का दावा
डूडी समर्थकों का दावा है कि जसरासर में अब तक की सबसे बड़ी भीड़ पहुंची है। यहां सिर्फ नोखा या बीकानेर नहीं बल्कि प्रदेशभर से किसानों को आमंत्रित किया गया। आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई। करीब 900 फीट में टेंट लगाया गया। गर्मी से बचने के लिए पंखों व कूलर तक की व्यवस्था की गई। वीआईपी मेहमानों के लिए एसी तक लगाए गए हैं।

किसान सम्मेलन में 2 घंटे रहे सीएम
गहलोत सीकर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद हेलिकॉप्टर से जसरासर पहुंचे। महंगाई राहत कैंप में भी लोगों से मिले। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटासरा भी रहे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। गहलोत सम्मेलन में करीब 2 घंटे रहे। वो शाम करीब पांच बजे यहां से निकल गए थे।

पायलट को नहीं बुलाया गया
किसान सम्मेलन में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बुलाया ही नहीं गया है। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए डूडी की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ खूब जमी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों ने साथ में प्रचार किया था। डूडी की मुख्यमंत्री गहलोत से नाराजगी भी जगजाहिर रही है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के दौरान तो दोनों खुलकर आमने-सामने आए थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। इस सभा में शिक्षा मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला, प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया,ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी,खेल मंत्री अशोक चांदना,कृष्णा पूनियां,महेन्द्र गहलोत,लक्ष्मण कड़वासरा,मंगलराम गोदार आदि शामिल हुए।

नहीं आएं गोविन्दराम
जसरासर में आयोजित किसान सम्मेलन में आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल नहीं आएं। जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

आज रात्रि विश्राम,कल श्रीगंगानगर में
जसरासर में किसान सम्मेलन को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर जाने के बजाय बीकानेर पहुंच गए। वो रात्रि विश्राम बीकानेर में करने के बाद गुरुवार सुबह श्रीगंगानगर जाएंगे। जहां महंगाई राहत शिविरों का निरीक्षण करेंगे। राज्य कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी उनके साथ रहेंगे। मुख्यमंत्री बुधवार को तय समय से करीब दो घंटे विलंब से किसान सम्मेलन में पहुंचे। जसरासर से उन्हें वापस जयपुर ही लौटना था। बाद में उनका कार्यक्रम बीकानेर आकर पंजाब जाने का बना। अब इसमें फिर से फेरबदल हो गया। अब वो बीकानेर से पहले श्रीगंगानगर जाएंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक ही दिन में दो बार परिवर्तन हो गया। बुधवार को गहलोत बुधवार शाम अंबेडकर भवन पहुंचे, जहां उन्होंने शिविर का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशहाली इंडेक्स बढ़ाना जन कल्याणकारी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसी दिशा में अनुसंधान करते हुए राज्य सरकार ने आमजन के हित के लिए 100 यूनिट घरेलू बिजली, दो हजार यूनिट किसानों को निशुल्क बिजली, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा, प्रतिमाह राशन किट , मनरेगा की तर्ज पर शहरों में भी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत 125 दिन का रोजगार और 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा जैसी योजनाएं प्रारंभ की है । पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि महंगाई राहत जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं लागू करने वाला राजस्थान देश में अकेला प्रदेश है। राज्य सरकार के कर्मचारी भी जन सेवा में जुटे हैं इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने भी उपस्थित रहे। शिविर का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजीकरण काउंटर से प्रक्रिया की जानकारी ली और विभिन्न योजनाओं के पात्रों को मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड वितरित किए ।

कार्यकर्ताओं से मुलाकात,परिवादियों की सुनी बात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक दिवसीय दौरे पर बीकानेर आएं। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की। वहीं अनेक संगठनों की ओर से सीएम को ज्ञापन सौंपे गये। मुख्यमंत्री से वाल्मिकी समाज के शिष्टमंडल ने मिलकर सफाईकर्मी पदों में बढ़ोत्तरी की मांग उठाई तो माली समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की गुहार लगाई। वहीं मंत्रालयिक कर्मचारियों,कम्प्यूटर ऑपरेटरों,ग्राम सेवकों,पटवारियों,शिक्षकों के संगठनों ने भी अपने अपने मांग पत्र सीएम को सौंपकर मांगों के निस्तारण की पैरवी की। सीएम ने सभी को आश्वस्त किया कि पिछले साढ़े चार सालों में हर वर्ग की लंबित मांगों का निस्तारण हुआ है और आगे भी होगा। इस दौरान उनके साथ शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला,उर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी,आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल,प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटसरा भी रहे।