तहलका न्यूज,बीकानेर। दो दिन पहले पूर्व पार्षद सहित चारों जनों के यहां हुई प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी ने अमीर मो.सादिक के 20 बैंक खातों को खंगाला। इसमें करोड़ों के लेन-देन के सबूत मिले हैं। सादिक 6 से ज्यादा विदेश यात्राएं भी कर चुका है। ईउी को सादिक के आतंकी कनेक्शन का भी शक है। इसको लेकर भी जांच आगे बढ़ाई जा रही है। ईडी ने 17 सितंबर को सर्च की थी। इसमें धोबीतलाई की गली नंबर 2 स्थित मोहम्मद सादिक,फड़ बाजार में पठानों की मस्जिद वाली गली में असगर अली, सुभाषपुरा में कांग्रेस के पूर्व पार्षद जावेद और मुक्ताप्रसाद नगर में साबिर सहित कुल 6 ठिकाने शामिल हैं।असगर अली,जावेद और साबिर,सादिक के करीबी माने जाते हैं। मोहम्मद सादिक बीकानेर में जमीयत अहले हदीस नाम का एनजीओ चलाता है। सादिक अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट का अध्यक्ष भी था। सादिक मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट की भी देखरेख करता था। सादिक के इन ट्रस्टों सहित करीब 20 बैंक खातों में करोड़ों रुपए मिलने और लेनदेन का इनपुट मिला है।ईडी को सादिक के खिलाफ हवाला कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी मिली थी। ईडी को तलाशी अभियान के दौरान जुटाए सबूतों से संदिग्ध माध्यमों से विदेशी धन जुटाने,हथियारों की तस्करी,भड़काऊ सामग्री का प्रचार-प्रसार,जबरन धर्म परिवर्तन,व्यक्तिगत तथा वैचारिक लाभ के लिए धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग के प्रमाण मिले हैं।

देश की सुरक्षा के लिए खतरे का इनपुट मिला था
ईडी को गैरकानूनी धर्मांतरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने का इनपुट था। इसके चलते जयपुर से आई श्वष्ठ की टीम ने सर्च अभियान चलाया था।कोई कमाई नहीं,फिर भी करोड़ों खाते में ईडी की जांच में सामने आया कि जमा राशि का स्रोत सादिक ने स्पष्ट नहीं किया है, जो संदिग्ध है। हालांकि, उसके पास कोई वैध और पर्याप्त व्यक्तिगत आय नहीं पाई गई, फिर भी उसने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश, ईरान, ओमान, नेपाल, कतर आदि देशों की कई विदेश यात्राएं कीं और इन देशों में लंबे समय तक रहा। तलाशी के दौरान बांग्लादेश में एक एनजीओ को वित्तीय सहायता देने के साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं। ईडी के अधिकारियों ने बताया है कि 3 जनवरी 2022 को कोटगेट थाने में दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था।

डिजिटल साक्ष्य भी मिले
ईडी को सादिक के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने में सादिक की संलिप्तता पाई गई है। इसमें इजरायली झंडे को जलाने के वीडियो भी शामिल हैं। इसके पीछे उसका उद्देश्य सहानुभूति प्राप्त कर अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाना था।