



तहलका न्यूज,जयपुर।कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि कुछ लोगों के लिए महात्मा गाँधी केवल एक तस्वीर हैं,जिन्हें वे स्वच्छता अभियान या किसी प्रतीकात्मक आयोजन में इस्तेमाल तो कर लेते हैं,परंतु गांधी के विचारों और सिद्धांतों से उनका कोई सरोकार नहीं है। वे गांधी को “अडॉप्ट”करने की बात करते हैं,जिससे यह साफ़ झलकता है कि वे अब तक गांधी को प्रेम नहीं करते थे और केवल सुविधा पड़ने पर ही गांधी का सहारा लेते हैं।हमारे लिए गांधी एक विचार हैं,एक दृष्टि हैं,एक सोच हैं।जबकि उनके लिए गांधी“सलेक्टिव पिकिंग” का साधन हैं। खादी,चरखा और सफाई तक तो उन्हें गांधी याद आते हैं,लेकिन गांधी जी की क़ौमी एकता और सर्वधर्म समभाव की बात उन्हें असहज कर देती है। इतना ही नहीं,उनमें गांधी जी के प्रिय भजन “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,सबको सन्मति दे भगवान” गाने की भी हिम्मत नहीं है।सचिन पायलट आज कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में प्रोफेसर नरेश दाधीच की पुस्तक“महात्मा गाँधी—एक अत्यंत संक्षिप्त परिचय”के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नरेश दाधीच के लिए गांधी केवल एक विषय नहीं,बल्कि उनका जुनून हैं। वे गांधी के विशुद्ध प्रेमी हैं और गांधी पर उनका गहरा अध्ययन है।वे लगातार गांधी की प्रासंगिकता पर लिखते रहे हैं और आज की नौजवान पीढ़ी को गांधी से जोड़ने के उनके प्रयास सराहनीय हैं।अपने संबोधन में पायलट ने कहा कि गांधी किसी व्यक्ति या दल की संपत्ति नहीं हैं।उन्होंने विचारधारा से ऊपर उठकर एक मज़बूत राष्ट्र का सपना देखा।जनता उनके शब्दों को इसलिए स्वीकार करती थी क्योंकि उनके व्यक्तित्व में नैतिक बल था,विश्वास था। उन्होंने कभी जनता का भरोसा नहीं तोड़ा और उनका एकमात्र हित देश की भलाई में निहित था।बिना युद्ध लड़े देश को आज़ादी दिलाना, ये गांधी की शक्ति थी।राजनीति में विश्वास सबसे बड़ी ताक़त है।यह वह संपत्ति है जिसे अर्जित करने में वर्षों लगते हैं, और यह किसी बाज़ार में बिकने वाली वस्तु नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि आज गांधी को प्रासंगिक बनाना सबसे बड़ी ज़रूरत है।नौजवान पीढ़ी में गांधी के प्रति जिज्ञासा पैदा करना अनिवार्य है।इस पीढ़ी के पास लंबी किताबें पढ़ने का धैर्य नहीं है,इसलिए यह संक्षिप्त जीवनी उनके लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने लोकतंत्र और सत्ता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्ता के मोह से लोकतंत्र की मज़बूती नहीं होती।स्वयं के बारे में बोलते हुए पायलट ने कहा कि राजनीति उनके लिए समाज में सकारात्मक बदलाव और सेवा का माध्यम है।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार सुश्री नीरजा चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस के लिए अथक परिश्रम किया है।उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवा उत्सुक हैं और उनकी आतुरता है कि सचिन पायलट को अवसर मिले तो वे देश-प्रदेश में नए परिवर्तन ला सकते हैं। नीरजा चौधरी ने कहा कि उनके मन में सवाल था कि गांधी की मृत्यु के अठत्तर साल बाद एक राजनीति विज्ञानी ने यह किताब क्यों लिखी और इसका जवाब लेखक ने स्वयं दिया कि यह पुस्तक “जनरेशन जी” को ध्यान में रखकर लिखी गई है।गांधी का जीवन सुबह से लेकर शाम तक अनुशासित और प्रतिबद्धता से भरा हुआ था।आज की पीढ़ी के लिए गांधी के मूल्यों को फिर से प्रासंगिक बनाना आवश्यक है,और यह किताब उस दिशा में एक नई बहस को जन्म देगी।पुस्तक के लेखक प्रो. नरेश दाधीच ने स्वागत भाषण में कहा कि सचिन पायलट भविष्य के नहीं, बल्कि वर्तमान के नेता हैं।वे पिछले पच्चीस वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। वे अथक परिश्रमी,ज़मीन से जुड़े और संयमित वक्ता हैं।अपनी पुस्तक पर बोलते हुए दाधीच ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी गांधी से विमुख होती जा रही है,जबकि गांधी ने अपने अधिकांश आंदोलन युवाओं की शक्ति से चलाए थे।स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी युवाओं के सबसे बड़े नेता थे,फिर आज क्यों नहीं? इसी प्रश्न ने उन्हें यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया।आज का युवा बदलाव चाहता है और अन्याय का विरोध करना उसकी प्रवृत्ति है।गांधी ने यही सिखाया कि अन्याय का विरोध अहिंसा से किया जाए। पूरी दुनिया आज गांधी को अन्याय के विरोध का प्रतीक मानती है। ज़रूरत है कि युवा पीढ़ी के सामने गांधी को उसी रूप में प्रस्तुत किया जाए जैसे वे वास्तव में थे।गांधी ने अपनी भूलों को स्वीकार किया और यह वही कर सकता है जिसका दिल और दिमाग बड़ा हो।इस कार्यक्रम मै बीकानेर से पूर्व पार्षद गजानंद शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशिक्षण (राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन ) भी शामिल हुवे