





तहलका न्यूज,बीकानेर। निजी अस्पतालों में आए दिन मरीज की मौत के बाद होने वाले हंगामे,चिकित्सकों और स्टाफ से दुव्र्यवहार तथा धरना-प्रदर्शन की घटनाओं के विरोध में अब बीकानेर के चिकित्सक एकजुट हो गए हैं। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए),उपचार और एमपीएस संगठन की संयुक्त बैठक आयुष्मान अस्पताल में आयोजित हुई।बैठक में गंभीर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि गुरुवार शाम चार बजे एक विशाल रैली निकाली जाएगी,जिसमें तीनों संगठनों के पदाधिकारी, चिकित्सक,पैरामेडिकल स्टाफ,फार्मासिस्ट,मेडिकल लैब्स से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि और सामाजिक संस्थानों के लोग भी शामिल होंगे। रैली के बाद प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चिकित्सक अपनी मांगों से अवगत कराएंगे।मेडिकल संगठनों का कहना है कि लगातार बढ़ती इन घटनाओं से अस्पतालों का माहौल खराब हो रहा है। डॉक्टर्स और स्टाफ को भय के साए में काम करना पड़ रहा है। इससे न केवल चिकित्सक अपना 100 प्रतिशत काम नहीं कर पाते, बल्कि अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। पदाधिकारियों ने कहा कि अस्पताल सेवा का स्थल है,आंदोलन या हंगामे का नहीं। अगर अस्पतालों का वातावरण सुरक्षित नहीं होगा तो समाज भी गंभीर संकट में फंस जाएगा।संयुक्त संगठनों ने साफ किया कि यदि उनकी मांगों पर प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, तो मजबूर होकर प्रदेशभर के निजी अस्पतालों को बंद करने की घोषणा की जाएगी।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बीकानेर के सचिव डॉ.हरमीत सिंह, बीकानेर प्रक्टिशनर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ.ए.पी.वहल, सचिव डॉ.अरुण तुनगरिया, उपचार के अध्यक्ष डॉ.गौरव गोम्बर सचिव डॉ.रोचक तातेड़ ने आयुष्मान हार्ट केयर अस्पताल व उसके चिकित्सक हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.बी.एल.स्वामी के खिलाफ बुधवार को कलक्ट्रेट के सामने की गई हिंसात्मक व राजकीय कार्य में बाधा डालने के कृत्य की घोर निंदा की। उन्होंने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने रोगी की मृत्यु के कारणों का पूर्ण खुलासा कर दिया,उसके बाद भी धरना,प्रदर्शन,हिंसात्मक कार्यवाही करना गैर जिम्मेदाराना व गैर कानूनी तथा मानवीयता और चिकित्सकीय सेवा के खिलाफ कार्य है।
बैठक में शामिल रहे प्रमुख हॉस्पिटल
बैठक में बीकानेर के कई प्रमुख अस्पतालों मारवाड़ हॉस्पिटल,एमएन हॉस्पिटल, कोठारी हॉस्पिटल, जीवन रक्षा हॉस्पिटल,एपेक्स हॉस्पिटल,बीकानेर हार्ट हॉस्पिटल और आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि चिकित्सकों और अस्पताल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।