

तहलका न्यूज,बीकानेर।बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में आज “उद्यमशीलता उत्सव-2025” का उत्साहपूर्ण आयोजन हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने अपने नवाचारी विचारों और स्टार्टअप प्रोजेक्ट्स का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलराज मीणा,सचिव,बीकानेर डवलपमेंट ऑथोरिटी उनके साथ विषय विशेषज्ञों के रूप में श्रीमान् जयवीर शेखावत,मेंटर,आईस्टार्ट राजस्थान एवं आईस्टार्ट इनक्यूबेशन सेंटर नितेश गोयल, संस्थापक एवं सीईओ,येलोफास्ट तथा डॉ.चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली,सहायक आचार्य, इंजीनियरिंग महाविद्यालय कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजी व्यास, चेयरमेन,महाविद्यालय प्रबंध समिति एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि “उद्यमशीलता उत्सव-2025” का उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, आत्मनिर्भरता और व्यावहारिक शिक्षा की भावना को प्रोत्साहित करना है।उन्होंने कहा कि आज का युग स्टार्टअप्स और इनोवेशन का युग है, जहाँ एक छोटा-सा विचार समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। डॉ.पुरोहित ने कहा कि यह मंच विद्यार्थियों को अपने विचारों को व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत करने का अवसर देता है,जिससे वे समाज की वास्तविक समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य कर सकें। उन्होंने अतिथियों और विषय विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके अनुभव और मार्गदर्शन से छात्रों को अपने नवाचारों को दिशा और प्रोत्साहन मिलेगा।मुख्य अतिथि कुलराज मीणा ने विद्यार्थियों के नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेसिक पी.जी.कॉलेज के युवा जिस उत्साह और सृजनशीलता से नए विचारों पर कार्य कर रहे हैं,वह प्रदेश के लिए प्रेरणास्पद है। स्टार्टअप संस्कृति केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक विकास का भी माध्यम है। विषय विशेषज्ञ के रूप में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए जयवीर शेखावत ने बताया कि आईस्टार्ट राजस्थान जैसे प्लेटफ़ॉर्म युवा उद्यमियों को दिशा,संसाधन और नेटवर्किंग का अवसर प्रदान करते हैं। बेसिक पी.जी. कॉलेज के छात्र जिस स्तर पर नवाचार कर रहे हैं, वह सराहनीय है।विषय विशेषज्ञ नितेश गोयल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप केवल एक विचार नहीं, बल्कि समस्या का समाधान है। यदि आप समाज की किसी समस्या को हल करते हैं, तो वही असली उद्यमिता है। विषय विशेषज्ञ डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने तकनीकी दृष्टिकोण से कहा कि छात्रों के प्रोजेक्ट व्यावहारिक रूप से लागू किए जा सकते हैं। यह देखकर प्रसन्नता होती है कि नवाचार अब प्रयोगशाला से निकलकर समाज की ज़रूरतों से जुड़ रहा है।अध्यक्षता कर रहे रामजी व्यास ने कहा कि महाविद्यालय सदैव छात्रों को मंच प्रदान करने में अग्रणी रहा है। युवाओं की ऊर्जा और नवाचार हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महाविद्यालय सदैव ऐसी गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में नेतृत्व, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है।कार्यक्रम समन्वयक डॉ.रोशनी शर्मा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन देना है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र न केवल सृजनशील हैं बल्कि समाजोपयोगी दृष्टिकोण भी रखते हैं। इस कार्यक्रम में 27 प्रतिभागियों ने अपने नवाचारी विचार प्रस्तुत किए, जिसमें मुख्य आकर्षण रहे- स्मार्ट ब्लाइंड ग्लासेज,ईको पैक क्रिएशन,ग्रीन गार्ड पॉल्यूशन डिटेक्शन,ऑर्गेनिक लिपिस्टिक,फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग बाय वेस्ट प्लास्टिक, सेफ्टी सर्विस फॉर गर्ल्स,डिजिटल मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग,ऑर्गेनिक ब्यूटी सैलून,पीएच मशीन और वर्मीकम्पोस्ट जैसे रचनात्मक विचार।प्रतिभागी विद्यार्थियों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें अपने विचारों को वास्तविक स्वरूप देने की प्रेरणा मिलती है तथा विशेषज्ञों से सीधा संवाद उन्हें आत्मविश्वास प्रदान करता है।कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतिभागियों को प्रथम-कुणाल रांकावत एवं गौतम रांकावत द्वितीय- जिज्ञासा एवं मानव तृतीय- बलविन्द्र सिंह को नगद पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।अंत में महाविद्यालय प्रबंध समिति के चेयरमेन श्री रामजी व्यास,सचिव डॉ. अमित व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.सुरेश पुरोहित द्वारा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया एवं आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के व्याख्याता अजय स्वामी एवं सुश्री आकांक्षा सुथार द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ.मुकेश ओझा, वासुदेव पंवार,श्रीमती माधुरी पुरोहित,श्रीमती प्रभा बिस्सा,श्रीमती सोमू भाटी,सुश्री चेताली पुरोहित,सौरभ महात्मा,श्रीमती सीमा शर्मा, श्रीमती जयन्ती पुरोहित,श्रीमती प्रेमलता व्यास,डॉ.रविकांत स्वामी,डॉ.नमामीशंकर आचार्य,श्रीमती कृष्णा व्यास,हितेश पुरोहित,अमित थानवी,राजीव पुरोहित,श्रीमती सोनिका हर्ष,पंकज गहलोत आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।

