तहलका न्यूज,बीकानेर।भले ही राज्य व केंद्र सरकार संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ नई-नई योजनाओं का श्रीगणेश कर रही है,लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। डिजिटल इंडिया,स्किल इंडिया,स्मार्ट इंडिया,हेल्थ फोर ऑल के बीच लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होना मौजूदा हाईटेक व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए काफी है।सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति से निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार दिन-व-दिन फल-फूल रहा है।पीबीएम अस्पताल की बात करें तो सरकार की व्यवस्था व उसके तमाम दावों के बीच स्वास्थ्य सेवा लोगों के पहुंच से दूर है। ऐसे में मजबूरी में लोग निजी क्लीनिक व निजी चिकित्सक के शरण में जाने को मजबूर हैं।आलम है कि अस्पताल में इन दिनों मूलभूत ससाधनों का भी घोर अभाव है। अस्पताल में वरिष्ठ जनों व जरूरत की दवाईयों के साथ साथ सीरिन्ज और ग्लॉब्स के लाले पड़े हैं,जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को मजबूरी में जरूरी सामान बाजार से खरीदना पड़ रहा है।डॉक्टर और स्वास्थ्य क र्मियों का कहना है कि जरूरी सामान को लेकर कई बार अस्पताल प्रबंधक को अवगत कराया गया।बावजूद अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई।मरीजों की परेशानी की बात करें तो लगभग हर मरीज में इस्तेमाल होने वाला सीरिन्ज,कैनूला,पेपर टेप व ग्लॉब्स भी मेडिकल अस्पताल में नहीं के बराबर है।जिसके चलते मरीजों की पर्ची पर भी सामान बाजार से लाने के लिये लिखा जा रहा है। इस कारण सीधे-सीधे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। मरीज के परिजनों को बाजार से जरूरी सामान खरीदना पड़ रहा है,जिसका परिजनों की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है।हालात यह है कि गंभीर बीमारियों व ऑपरेशन वाले अनुभागों में इनकी ज्यादा दिक्कतें है। जिसके चलते मजबूरन मरीजों को सामान मंहगें दामों पर लाना पड़ रहा है।

दवाईयों की भी कमियां
मंजर यह है कि सीरिन्ज,कैनूला,पेपर टेप व ग्लॉब्स के साथ साथ ह्दय रोग,गायनिक से संबंधित दवाईयां की भी कमी होने के कारण मरीजों के परिजन बाहर लेने भटकते रहते है। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार कई बार तो जांचे भी बाहर से करवाई जा रही है। यह अधिकांशतय रात्रि में भर्ती होने वाले मरीजों के साथ देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि टेण्डरों को लेकर चल रही उठापठक के कारण यह स्थिति बनी हुई है।

वेतन भत्तों में भी परेशानी
पता चला है कि पीबीएम के नियमित व संविदा पर लगे कार्मिकों के वेतन भत्तों में भी घालमेल के हालात है। कई कार्मिकों के वेतन नियमित मिल रहे है तो कई ऑफिसों व ठेकेदारों के चक्कर लगाते लगाते परेशान हो रहे है। इतना ही नहीं लैब में भी सामान की कमी के चलते कई समय पर जांचें मरीजों को नहीं मिल पा रही है।