तहलका न्यूज,बीकानेर। प्रदेश भर में ओबीसी में अलग से आरक्षण के बीच अब अन्य समाज भी आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण को मूल रूप से लागू करने की मांग उठने लगी है। पहले ब्राह्मण समाज के बाद अब क्षत्रिय समाज भी इसको लेकर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है। इसी कड़ी में आज प्रदेशव्यापी आह्वान पर श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के बैनर तले जिला इकाई की ओर से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिला प्रभारी नवीन सिंह के अनुसार आज सवर्ण समाज आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा वर्ग के रूप में उभर कर आया है, इसके बाद भी उन्हें आरक्षण की व्यवस्था में वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही है जो आरक्षित वर्गों को उपलब्ध है। आज आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रावास छात्रवृत्ति जैसे योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है ।उन्होंने बताया कि राजस्थान में मूल रूप से आर्थिक पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया था वह 14 प्रतिशत का था, अत: वह प्रस्ताव को मद्देनजर मूल रूप से 14 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए। आज केंद्र सरकार के तो ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र भी नहीं बन रहे हैं इसका मुख्य कारण यह है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण में जो अतार्किक प्रावधान किए गए हैं। भौगोलिक रूप से देखा जावे तो पंजाब के किसान के 5 एकड़ और राजस्थान के मरुस्थलीय किसान के 500 एकड़ में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है , 5 एकड़ जमीन का जो प्रावधान है इसमें भारी गड़बड़ी है जिसके कारण केंद्र के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनने में बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे ईडब्ल्यूएस के लाभार्थियों तक प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कुछ विसंगतियों को दूर किया पर अभी भी आरक्षण में अधूरापन है स्वायत्त संस्थानों में भी आरक्षण को लागू किया जावें। ज्ञापन देने के लिए बार एसोसिएशन अध्यक्ष बिहारी सिंह , क्षत्रिय युवक संघ संभाग प्रमुख रेंवत सिंह जाखासर, भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत, जितेंद्र सिंह सेंसवास, नरेंद्र सिंह आबड़सर, जुगल सिंह बेलासर, गजेंद्र सिंह लूंछ,जितेंद्र सिंह बीका, शैलेश आचार्य, तनवीर सिंह खारी, दयाल सिंह, बलवंत सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित हुए ।