तहलका न्यूज,बीकानेर। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन बीकानेर के पीठासीन अधिकारी जितेन्द्र रैया ने दस साल पुराने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए फर्जी परीक्षार्थी बनकर आएं अभ्यार्थी और मूल परीक्षार्थी को सजा सुनाई है। इस मामले में भोजास,राजगझ़ चूरू निवासी विजय कुमार और फर्जी परीक्षार्थी लाडला,हिसार निवासी राजेश सिंह को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई है। मामला 12 मई 2013 में हुई एस एस सी कांस्टेबल राइफल मैन भर्ती से जुड़ा है। बीकानेर की राजकीय महारानी सी सै स्कूल में परीक्षा का सेंटर लगा था। यहां परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद ही एक युवक पकड़ा गया। दरअसल, युवक फर्जी हस्ताक्षर करने की कोशिश कर रहा था। पर्यवेक्षक को शक हुआ तो नजऱ रखी। आईडी जांची तो आईडी का फोटो और परीक्षार्थी का फोटो मैच नहीं हुआ। पूछताछ की तो युवक ने बताया कि वह मूल परीक्षार्थी विजय कुमार का बड़ा भाई अनिल है। पुलिस बुलाई गई। पुलिस ने विजय कुमार व अनिल कुमार के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 व 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने जांच में पाया कि पकड़ा गया युवक अनिल कुमार नहीं बल्कि हरियाणा निवासी राजेश है। पुलिस ने 15 दिनों में ही राजेश व परीक्षार्थी विजय कुमार के खिलाफ धारा विभिन्न धाराओं में चालान पेश कर दिया। दस साल तक मामला कोर्ट में विचाराधीन रहा। आखिरकार, न्यायालय ने भी दोनों आरोपियों के खिलाफ फैसला सुना दिया। उल्लेखनीय है कि मामले में राज्य की ओर से पैरवी विमलेश कविया ने की।