जयपुर। राजस्थान में पिछले दिनों शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले में अब तक साठ से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पेपर कंडक्ट कराने वाली सरकारी एजेंसी आरपीएससी तक में से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। अब इसी मामले में ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हुई है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में जीके का पेपर लीक होने के बाद पेपर लीक कराने वालों ने उसे बेचकर करोड़ों रुपए कमाए थे। अब इसी काली कमाई का ब्यौरा मांगने ईडी ने आज जयपुर, बाड़मेर, जालोर, डूंगरपुर जोधपुर समेत प्रदेश के कुछ शहरों में छापेमारी की है। जिन लोगों के यहां छापेमारी की जा रही है उनमें से अधिकतर जेल में हैं लेकिन काली कमाई कहां खपाई गई, इसकी पड़ताल शुरू कर दी गई है।प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सोमवार को बाड़मेर जिले में दस्तक देते हुए ठेकेदार भजनलाल विश्नोई के घर पर दबिश दी है। ईडी के अधिकारी शहर के महावीर नगर स्थित ठेकेदार भजनलाल के घर पर दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं। ठेकेदार भजनलाल बिश्नोई का पेपर लीक मामले में भी नाम सामने आया था। उसके बाद उसे अरेस्ट भी किया गया था। फिलहाल भजनलाल बिश्नोई के घर पर ईडी की कार्यवाही जारी है।उल्लेखनीय है कि राजस्थान में रीट पेपर लीक मामले में बाड़मेर जिले के ठेकेदार भजनलाल जेल भी जा चुके हैं। ईडी ने हाल ही में उदयपुर के सेंट्रल जेल में बंद पेपर लीक के आरोपियों से पूछताछ की थी। इस पेपर लीक मामले में कई आरोपी हैं जिनमें से ईडी ने राजीव उपाध्याय, रामगोपाल मीणा, सुरेश बिश्नोई, अनीता मीणा, कटारा के पुत्र दीपेश कटारा से पूछताछ कर चुकी है। जानकार बताते हैं कि पेपर लीक मामले में ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। इसी कारण ईडी के अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं। शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा से भी पूछताछ की तैयारी है।