तहलका न्यूज,बीकानेर। आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर गुरुवार को देवशयनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त है। इसके बाद 148 दिन के लिए शादी—ब्याह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। इस बार 4 माह के बजाय 5 माह के लिए देवशयन हो रहे हैं। अब 23 नवम्बर को कार्तिक शुक्ल एकादशी पर देवउठनी एकादशी पर ही शादी—ब्याह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे, फिर से शहनाइयां बजेगी। देवशयन के दौरान रक्षाबंधन जैसे कई बड़े व्रत—त्योहार आएंगे। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में पांच माह शयन करेंगे। भाद्रपद एकादशी पर परिवर्तिनी एकादशी को भगवान विष्णु करवट लेंगे और देवउठनी एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु पुन: योग निंद्रा से जागेंगे। इसी के साथ शुभ मांगलिक कार्यों की शुरूआत होगी। पं सूरजकरण व्यास ने बताया कि चातुर्मास 148 दिनों का रहेगा। इन दिनों में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे।

नकारात्मक शक्तियां होती जागृत
इस बार श्रावण अधिक मास होने से चातुर्मास 5 माह रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होंगे। देवशयन के दौरान नकारात्मक शक्तियां जागृत होने लग जाती है। भगवान क्षीर सागर में शयन करने जाते है। देवशयन में शादी—ब्याह, मुंडन व जनेऊ संस्कार आदि करना शुभ नहीं माना जाता है।
पर पूजा—पाठ आदि करने चाहिए।

18 जुलाई से 16 अगस्त तक श्रावण अधिकमास
आषाढ़ शुक्ल एकादशी को श्रीविष्णु श्रीरसागर में योगनिद्रा में चले जायेंगे, इसे देवशयन दोष भी कहते है। इसी दिन चातुर्मास के नियम भी लागू हो जायेंगे, हालांकि चातुर्मास 4 जुलाई से प्रारम्भ होगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक श्रावण महिना पुरुषोत्तम (अधिक) मास रहेगा।

आएंगे कई व्रत—त्योहार
7 जुलाई – नागपंचमी
17 जुलाई – हरियाली अमावस्या, श्रावण वन सोमवार
18 जुलाई – श्रावण अधिक (पुरुषोत्तम) मास प्रारम्भ
16 अगस्त – श्रावण अधिक (पुरुषोत्तम) मास समाप्त
18 अगस्त – सिंजारा उत्सव (तीज का)
19 अगस्त – तीज का त्योहार, मेला तीज
20 अगस्त – मेला बूढ़ी तीज
22 अगस्त – कल्की जयंती, कल्याणधणी डिग्गीपुरी पदयात्रा प्रारंभ
23 अगस्त – गोस्वामी तुलसीदास जयंती
30 अगस्त – रक्षाबन्धन का त्योहार