तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर की पुलिस कप्तान पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कर रही है और थानों के मुखियाओं को परिवादियों की सुनवाई करने के निर्देश दे चुकी है। उसके बाद भी थानों के पुलिस अधिकारी व जवान पीड़ितों को गंभीरता से न तो सुन रहे है और न ही उनके परिवाद पर कोई कार्रवाई कर रही है। एक ऐसा ही प्रकरण कोटगेट थाने का सामने आया है। जिसमें गोगागेट स्थित वाल्मीकी बस्ती की राधादेवी हरिजन ने पुलिस अधी क्षक को एक पत्र लिखकर उनकी सुनवाई करने की गुहार लगाई है। राधा देवी ने पत्र में बताया है कि हरिजन बस्ती निवासी इन्द्रजीत की उनके परिवार के साथ पुरानी रंजिश चल रही है। इसी के चलते वह 13 जुलाई को रात साढ़े दस बजे उनके घर आया। इस दौरान मैं अपनी लड़की के साथ घर पर अकेली थी। उसके साथ आसूराम जावा,दिनेश जावा,आशीष जावा भी साथ आएं। जिनके पास हथियार थे। इन्होंने गंदी-गंदी गालियां निकाली,घर पर पत्थर फैंके। इस सभी ने घर के बाहर पड़ी मोटरसाइकिल भी तोड़ डाली। आदतन इन अपराधियों की शिकायत कोटगेट थाने को रात को ही कर दी गई। परन्तु कोटगेट थाने के पुलिस अधिकारियों व जवानों द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जबकि ये लोग जान से मारने की धमकियां दे रहे है। ऐसे में पीड़िता ने इन लोगों से अपने परिवार को खतरा होना भी बताया है। परिवादिया ने बताया कि शिकायती पत्र दिए एक सप्ताह होने के बाद भी थाना पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि जिले की पुलिस अधीक्षक स्वयं एक महिला है। ऐसे में अब पुलिस थाने की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान उठने लगे है।