तहलका न्यूज,बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी की आज आई पहली सूची के बाद अब कयासों का दौर फिर से शुरू हो गया है कि जिले की शेष सीटों पर इस दावेदार को पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है और दावेदार भी अपने स्तर पर केन्द्र व प्रदेश के नेतृत्व का रिझाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नोखा,लूणकरणसर में वर्तमान विधायकों पर ही पार्टी फिर से दावं खेलने के मूड में नजर आ रही है। वहीं कोलायत में पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी या उनके परिवार में से किसी एक को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि पार्टी की ओर से उम्र के लिये तय किये गये मापदंड में भाटी का नाम शामिल है। जिसके चलते संभवत उनकी जगह एक बार फिर उन्ही के परिवार में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है। हालांकि ऐसा नहीं कि केवल इस को पार्टी आधार बनाएगी। पहली लिस्ट में भाटी के साथ भाजपा ज्वाइन करने वाले दो अन्य नेताओं को पार्टी ने उम्मीदवार बना लिया है। ऐसे में उन्हें भी पार्टी टिकट दे सकती है। लेकिन चर्चाएं ऐसी चल रही है कि भाटी को संभाग के लिये फ्री हैंड रखकर प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बीकानेर पूर्व व पश्चिम में कशमकश के हालात ज्यादा
इधर बीकानेर पूर्व व पश्चिम की सीटों के लिये रस्साकशी का खेल चल रहा है। इन दोनों ही सीटों पर भाजपा काबिज होने का हरसंभव प्रयास कर रही है। ऐसे में पार्टी बड़ा कदम भी उठा सकती है। सूत्र बताते है कि पार्टी इस सीट पर पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका को टिकट देकर चौंका सकती है। हालांकि राजनीतिक जानकार इस बात को लेकर अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है। परन्तु पार्टी के सूत्रों का संकेत कुछ इस ओर ही इशारा कर रहा है। वैसे पहली लिस्ट जारी होने के बाद ऐसा लगने भी लगा है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व का मिजाज कुछ अलग ही है। प्रदेश के किसी वरिष्ठ नेताओं को इस लिस्ट में ज्यादा तरजीह नहीं दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को भी साइडलाइन करने की बात सामने आ रही है। कुछ राजनीतिक जानकार रांका को राजे गुट का मानते हुए उन्हें टिकट न मिलने का दावा कर रहे है। तो कुछ लोकसभाध्यक्ष की नजदीकी की बात कहकर टिकट मिलने की बात भी कर रहे है। खैर दूसरी या तीसरी लिस्ट तक यह बात साफ हो जाएगी कि आखिर पार्टी किस सोच के साथ टिकट बांट रही है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता व अनुभवी नेता सिद्धिकुमारी की टिकट बरकरार रखने की बात कहते है।उधर पश्चिम में भी कुछ ऐसे ही हालात है। यहां जेठानंद व्यास का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। अन्दरखाने से मिली खबर के अनुसार जेठानंद व्यास को हिन्दुवादी चेहरे के रूप में पार्टी पेश कर नवाचार करने के मूड में है। तो वहीं इसी सीट पर नये चेहरे के रूप में अरूण आचार्य व गोकुल जोशी पर पार्टी कही न कही विचार भी कर रही है। उधर पार्टी का एक बड़ा धड़ा जिलाध्यक्ष विजय आचार्य को टिकट दिलवाने के लिये अड़ा हुआ है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा का पेच फंस सा गया है। जिसके चलते संभवत इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा अंतिम लिस्ट तक जा सकती है।
केन्द्रीय मंत्री हो सकते है खाजूवाला से प्रत्याशी
भाजपा की ओर से जारी पहली लिस्ट में छःलोकसभा व एक राज्ससभा सांसद को टिकट मिलने के बाद यह चर्चा ओर जोर पकड़ गई है कि अब भाजपा कुछ ओर सांसदों को चुनाव मैदान में उतार सकती है। इसमें केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को खाजूवाला सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। सुनने में ऐसा आ रहा है कि कानून मंत्री इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक कम है। फिर भी अगर पार्टी उनके नाम पर प्रमुखता से मंथन कर रही है। अगर कानून मंत्री चुनाव लड़ने को राजी नहीं होते है तो फिर पूर्व संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ ही भाजपा के उम्मीदवार हो सकते है।