तहलका न्यूज, बीकानेर। नगर विकास न्यास में पट्टा गड़बड़ी की लंबे समय से शिकायतें आ रही थी। इसी को लेकर लोडा मोडा बगेची के पट्टे की गलत रिपोर्ट की शिकायत करने पहुंचे भाजपा नेता जे पी व्यास के ज्ञापन के बाद जिला कलेक्टर व नगर विकास न्यास अध्यक्ष भगवती प्रसाद कलाल ने हरकत में आएं और न्यास का औचक निरीक्षण किया। शिकायतों के मुताबिक कलक्टर ने अलमारियां खंगाली तो प्राइवेट व्यक्ति के पास . फाइलें मिलने पर स्टोर प्रभारी शिवकुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। कलेक्टर ने न्यास के विभिन्न अनुभागों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक बाहरी व्यक्ति के पास से नगर विकास न्यास की 9 फाइल पाई गई। इस पर नाराजगी जताते हुए जिला कलेक्टर ने स्टोर के इंचार्ज शिवकुमार को निलंबित करने की कार्रवाई की।
न्यास अध्यक्ष भगवती प्रसाद ने कई कार्मिकों के सीट पर नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि नगर विकास न्यास के विभिन्न सेक्शन्स में बाहर के व्यक्तियों के बैठे रहने और कार्य प्रभावित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी इसके बाद यह औचक निरीक्षण किया गया है।न्यास अध्यक्ष कलाल ने विभिन्न सेक्शन्स का निरीक्षण करते हुए प्रभारियों से कहा कि बाहर का कोई व्यक्ति नगर विकास न्यास परिसर में अकारण घूमता हुआ नहीं मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।
अलमारी खोल कर देखी फाइल
नगर विकास न्यास अध्यक्ष ने अलमारियों की चाबियां मंगवाई और अलमारियां खोल कर फाइलें देखीं । जिला कलेक्टर ने फाइलों से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी ली। उन्होंने सेक्शन प्रभारी को वर्षवार फाइलें रखने के निर्देश दिए।
बिना आईडी मिले कार्मिक तो होगी कार्यवाही
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने कहा कि यूआईटी का कोई भी कार्मिक बिना आईडी के कार्यालय में ना मिले, यदि ऐसा पाया गया तो सम्बंधित कार्मिक के विरुद्ध कार्यवाही होगी। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी यक्ष चौधरी से इसे सुनिश्चित करवाने को कहा।
लंबे समय बाद चेता प्रशासन
वैसे शिकायतें तो लंबे अर्से से आमजन कर रहा था कि फाइलों के लिये यूआईटी में दलालों की भरमार है। बिना रूपये दिए काम नहीं हो रहा है। किन्तु उनकी सुनवाई तक नहीं हुई। अब आचार संहिता लगने के बाद प्रशासनिक शक्तियां हाथ में आने के बाद प्रशासन चेता और औचक निरीक्षण किया। अगर ये पहले किया होता तो शायद ओर घोटालें सामने आते।