तहलका न्यूज,बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से संवाद करने आएं प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटसरा ने शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत और देहात जिलाध्यक्ष बिशनाराम सियाग को जमकर लताड़ पिलाते हुए काम नहीं कर सकने पर पद छोड़ने की नसीहत दे डाली। वे आज सूरज टॉकिज में कार्यक्रम में संख्यात्मक कम पदाधिकारी पहुंचने से नाराज दिखे और भाषण के दौरान खरी खरी सुनाई। भाषण में डोटसरा ने कहा कि आप दोनों संख्या बुलाने में नाकाम रहे। अगर आपकाम नहीं कर सकते तो दूसरे को मौका दो। आज की हाजरी लिजिए। जो पदाधिकारी नहीं आएं उनकी छुट्टी कीजिए। आपको मौका दिया है,आपके कहने पर कोई नहीं आ रहा है तो ऐसे व्यक्ति की कांग्रेस की जरूरत नहीं। प्रदेश कांग्रेस को रिपोर्ट भेजो। कांग्रेस में काम करने वालों को जोड़ों उन्हें मौका दो। प्रदेशाध्यक्ष बोले आपकी दोनों की कार्यकारिणी में 144 लोगों में से जो बिना काम नहीं आएं उनकी चिठ्ठी निकाल दो। कोताई मत बक्शों।
उन्होंने कहा कि अगले दो महीने में लोकसभा चुनाव है। जिसके लिये आज आप लोगों से ही संवाद करना है। लेकिन इतनी कम उपस्थिति हमारे संगठन के लिये ठीक नहीं। सात विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख लोगों की कैटेगरी तय की है। सबको लाकर संवाद करते है तो इसका मैसेज सही जाता है। यहां की उपस्थिति कम होने से हमारे लिये कमजोरी वाली बात होती है।
नेताओं के देरी से आने पर भी खुशफुसाहट
इधर प्रदेशाध्यक्ष नसीहत दे रहे थे। उधर कांग्रेसी कार्यकर्ता खुशफुसाहट कर रहे थे कि स्वयं दो घंटे लेट आएं है। जिसके चलते कई पदाधिकारी अपनी हाजरी बजाकर अपने घर की ओर लौट गये।
दोनों जिलाध्यक्षों की खिचाई पर बजाई तालियां
प्रदेशाध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम में तय कैटेगरी केे पदाधिकारी नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताते हुए जब दोनों जिलाध्यक्षों की खिचाई कर रहे थे तो कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने तालियां बजाकर डोटसरा की बात का समर्थन किया। बीच भाषण बोले पहली बार किसी ने खरी खरी बात की है।
एकमात्र विधायक भी अनुपस्थित
बीकानेर जिले में एकमात्र विधायक नोखा से सुशीला डूडी हैं, वो भी इस सम्मेलन में नहीं पहुंच सकी। दरअसल, उनके पति और कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी के इलाज के लिए वो इन दिनों दिल्ली में है। डूडी के रूटीन चैकअप के लिए दिल्ली में है।
ये दिग्गज नेता उपस्थित रहे
इस सम्मेलन में कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. बी.डी. कल्ला, भंवर सिंह भाटी, गोविन्द मेघवाल भी उपस्थित रहे। ये तीनों पिछली सरकार में मंत्री थे लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में तीनों को हार का सामना करना पड़ा।
इनको दिया गया था आमत्रंण
संवाद कार्यक्रम में पीसीसी सम्भाग प्रभारी,जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, जिले के एआईसीसी सदस्य, पीसीसी सदस्य, अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष(युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई, इंटक, महिला कांग्रेस आदि),पीसीसी/डीसीसी विभाग एवं प्रकोष्ठ अध्यक्ष,जिले के पूर्व बोर्ड/निगम अध्यक्ष व सदस्य, विधायक/विधायक उम्मीदवार, सांसद उम्मीदवार, पूर्व राज्य सभा सांसद, जिला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, पंचायत समिति सदस्य,नगर निकायों के महापौर/सभापति/अध्यक्ष/प्रतिपक्ष के नेता,पार्षदगण,पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष/पूर्व विधायक/पूर्व सांसद/पूर्व विधायक उम्मीदवार/पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, नगर निकाय उप सभापति, उप जिलाप्रमुख,उप प्रधान, पीसीसी/डीसीसी ब्लॉकवार पर्यवेक्षक/प्रभारीगण, मण्डल/नगर अध्यक्षगण,सहकारी समितियों के अध्यक्षगण,बूथ लेवल एजेंट/बूथ अध्यक्षगण आदि को आमन्त्रित किया गया था। इनकी संख्या को देखे तो करीब एक हजार कांग्रेसजन पहुंचने चाहिए थे। लेकिन एक चौथाई कांग्रेसजन भी संवाद कार्यक्रम में नहीं पहुंचने से प्रदेशाध्यक्ष सहित प्रदेश प्रभारी व नेता प्रतिपक्ष ने नाराजगी जताई।