तहलका न्यूज,बीकानेर। राज्य सरकार द्वारा विप्र समाज के कल्याण के लिये गठित राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड विप्र समाज व राज्य सरकार के मध्य समन्वयक का काम करेगा। इसके लिये बोर्ड ने विप्र समाज की संस्थाओं को पंजीकृत करने का निर्णय लिया है। सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में बोर्ड के सदस्य राजकुमार किराडू ने बताया कि बोर्ड की प्रथम बैठक में विप्र समाज कल्याण/उत्थान एवं सर्वागीण विकास के क्षेत्र में कार्यरत ऐसे गैर सरकारी संगठन /संस्थाएं जो विप्र समाज धार्मिक, सांस्कृतिक,कलात्मक उत्थान एवं सामाजिक बुराईयों- कुरीतियों को दूर करने, पुजारियों/कर्मकाण्डी को रोजगार के बेहतर अवसर देने हेतु कार्य कर रही है उन्हें एक ही छत के नीचे लाने हेतु बोर्ड की संबद्धता प्रदान करने का निर्णय लिया। इसी के क्रम में बोर्ड के द्वारा गैर सरकारी विप्र संगठन सम्बद्धता नियम 2023 जारी किये गये है जिसके तहत बोर्ड द्वारा विप्र समाज के गैर सरकारी संगठनों को विभिन्न राजकीय विभागों/संस्थाओं/उपक्रमों द्वारा प्राप्त की जाने वाली समस्त प्रकार की राजकीय सहायता/अनुदान/भूमि आंवटन आदि को प्राप्त करने हेतु अभिशंषा करेगा ताकि उसका लाभ सभी को मिल सके। इसके लिये ऐसी संस्थाओं को 31 मार्च तक बोर्ड से सम्बद्वता के लिये पंजीकरण करवाना होगा। जिसके बाद संस्थाओं के आएं सुझावों के जरिये सरकार से विप्र समाज की समस्याओं का समाधान करवाकर पीडि़तों को लाभ दिवाया जा सके। किराडू ने बताया कि इडब्लूएस से जुड़े समाज के लोगों को अब मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा। जिसकी अनुशंसा बजट से पहले विप्र बोर्ड ने की थी।