तहलका न्यूज,बीकानेर। रेंज पुलिस की ओर से नवाचार करते हुए आत्महत्या रोकथाम अभियान की शुरूआत की और जिले में आत्महत्याओं के रोकने के हरसंभव प्रयास का संकल्प भी लिया। लेकिन पुलिस के इस अभियान को उस समय झटका लगा। जब थाना पुलिस की लापरवाही ने एक परिवार के चिराग को बुझा दिया। इसको लेकर अब समाज के सजग नागरिक आगे आने लगे है और आईजी व एसपी से एक पत्र देकर गुहार लगाई है कि थानों में में आने वाले परिवादों को थोड़ा गंभीरता से ले तो निश्चित तौर पर अपराध पर लगाम लग सकती है और उनके नवाचारों को भी उंचाईयां मिलेगी। मामला शहर के नयाशहर थाना इलाके के जस्सूसर गेट अंदर का है। जहां तीन दिन पहले एक युवक ने फांसी का फंदा लगाकर ईहलीला समाप्त कर ली। मृतक के पिता ने थाने में दिए परिवाद में चार जनों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए पुत्र को आत्महत्या करने को मजबूर करने की बात कही है। इसी मामले को लेकर सावधान इंडिया के दिनेश सिंह भदौरिया ने आईजी व एसपी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा है। जिसमें दोनों उच्चाधिकारियों को आग्रह किया है कि अगर पुलिस द्वारा आत्महत्या करने वाले युवक की ओर से दर्ज मामले को गंभीरता से ले लेती तो शायद युवक की जान बच सकती थी। भदौरिया ने कहा कि 17 सितम्बर 22 को एक मामला दर्ज चार पांच जनों पर परेशान करने तथा ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया था। किन्तु इस मामले में पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया और कुछ समय बाद एफआर लगा दी। पुलिस थाना की ओर से सुनवाई नहीं होने का नतीजा दिनेश पारीक नामक युवक ने पिछले दिनों फांसी का फंदा लगाकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। इस प्रकार की घटना ने सभी को झकझोर दिया। अब सभी के मंुह पर एक ही सवाल है कि अगर पुलिस हकीकत में उस परिवाद पर मंथन कर लेती तो युवक की जान बच सकती थी।
न जाने ऐसे कितने मामले लंबित होंगे थानों में
हालांकि पुलिस का दावा है कि थानों में पैडेन्सी खत्म हो रही है। परन्तु इस प्रकार मामलों में एफआर लगाकर पैडेन्सी खत्म करना कहा तक उचित है। जिसके कारण अनेक केस वापस न्यायालयों से थानों में दर्ज करने के आदेश सहित आते है।