तहलका न्यूज,बीकानेर।स्थानीय नरेंद्र ऑडीटोरियम में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सावित्री बाई फुले एजुकेशनल एंड सोशल अवेयरनेस समिति और अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के संयुक्त तत्वावधान में “भारत का संविधान नारी का सम्मान” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ प्रभा भार्गव ने “महिलाओं का संपूर्ण विकास और चुनौतियां” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए महिलाओं को हर हाल में संगठित और एकजुट होकर रहना चाहिए। विशिष्ट वक्ता एडवोकेट सुनीता दीक्षित ने कहा कि महिलाओं के सामाजिक उत्थान में परिवार का साथ और सहयोग बहुत जरूरी है। सावित्री बाई फुले एजुकेशनल एंड सोशल अवेयरनेस समिति की राज्य पदाधिकारी डॉ भारती सांखला ने “वर्तमान संदर्भ में महिलाओं के हालातों और सावित्री बाई फुले के संघर्षों” तथा विचारों पर प्रकाश डालते हुए महिला अधिकारों को सुरक्षित रखने का आह्वान किया तथा रूढ़िवाद और मनुवाद को महिलाओं के जीवन से दूर भगाने का संकल्प दिलाया। डॉ दुर्गा चौधरी ने सभी महिलाओं को मेडल पहना कर सम्मानित किया। इसके पश्चात महिलाओं ने नरेंद्र ऑडिटोरियम से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च नारों और ढोल नगाड़े के साथ निकाला।डॉ सीमा जैन ने बताया कि पैदल मार्च कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद “रूढ़िवाद, मनुवाद को महिलाओं के जीवन से दूर भगाओ” के बैनर को काले गुब्बारों के साथ आसमान में उड़ा कर नारी मुक्ति का आह्वान किया गया। इसके पश्चात जमकर नारेबाजी की। “उठाओ ये बुलंद आवाज, सशक्त नारी सशक्त आवाज” का बैनर रंग बिरंगे गुब्बारों के साथ आसमान में छोड़ते हुए महिलाओं को एकजुट और संगठित होने का संदेश दिया।