तहलका न्यूज,बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित अल्संख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष उस्मान गनी की गिरफ्तारी के बाद आज एडीएम सिटी के घर पेश किया गया जहां पर जमानत नहीं होने के चलते उन्हें जेल भेज दिया गया। मुक्ताप्रसाद थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि कल गश्त के दौरान उस्मान गनी ने पुलिस थाने के सामने पुलिसकर्मियों से उलझते हुए बदसलू की जिसके बाद मुक्ता प्रसाद पुलिस ने उसे धारा शांति भंग की धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया। हालंकि पुलिस के इस कार्यवाही को सियासी पंडित इसे प्रधानमंत्री के विरोध का नतीजा देख रहे हैं। गौततलब रहे कि प्रधानमंत्री मोदी के एससी, एसटी आरक्षण को लिए दिए गए बयान को लेकर गनी ने आपत्ति जताई थी, उन्होंने कहा था कि उस्मान गनी ने कहा था कि भाजपा नरेंद्र मोदी की अकेली की पार्टी नहीं है। गनी ने यहां तक कहा था कि भले ही मोदी भले ही प्रधानमंत्री है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर भाजपा की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया था। जियके बाद भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने दो दिन पूर्व बीकानेर शहर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा केजिलाध्यक्ष उस्मान गनी को पार्टी का अनुशासन भंग करने के आरोप में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से 06 साल के लिए निष्कासित किया था।