तहलका न्यूज,बीकानेर। भारतीय स्टेट बैंक की अम्बेडकर सर्किल शाखा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमें किसी संस्थान का चैक व्यक्ति विशेष के खाते में जमा करवा दिया गया। जब संस्थान के अधिकृत प्रतिनिधि को इसकी जानकारी मिली तो उसके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई और उसने तुरंत बैंक पहुंचकर दस्तावेजों की पड़ताल की। तहलका न्यूज को उपलब्ध करवाएं गये दस्तावेजों में सामने आया है कि एक लाख तीस हजार के चैक में कांट छांट कर अन्य व्यक्ति के नाम को भरा गया और उसके खाते में इन रूपयों का हस्तान्तरण कर दिया गया। इसको लेकर संस्थान के प्रतिनिधि ने कोटगेट थाने में परिवाद पेश कर शाखा प्रबंधक,बैंक अधिकारी व अन्य कर्मचारी पर पड्यंत्रपूर्वक रूपयों की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जानकारी मिली है कि आदर्श खादी ग्रामोद्योग विकास संस्थान गंगाशहर के प्रतिनिधि विनोद कुमार भाटी का आरोप है कि उन्होंने 29 नवम्बर को आरटीजीएस फॉर्म के साथ संस्थान द्वारा खाता संख्या 61124983133 से एक योर सेल्फ चैक (चैक संख्या 692058)जमा करवाने के लिये दिया था। जिसके पीछे बैंक शाखा का नाम,आईएफएससी कोड व राशि का भी उल्लेख किया गया। इस चैक के साथ करीब सात चैक ओर भी थे। वे सब तो क्लीयर हो गये। लेकि न यह चैक क्लीयर होने का मैसेज नहीं आया। तो बैंक में संपर्क किया तो पाया कि यह चैक किसी सुमित कुमार पाल नामक व्यक्ति के खाते में जमा हुआ है। जब संबंधित कार्मिक से इसकी जानकारी चाही गई और चैक डिटेल देखी तो पाया कि उक्त चैक में सुमित कुमार पाल नाम भरा हुआ था। इसके पीछे की ओर आईएफएससी कोड को काट दिया गया।
चैक में कांट छांट का दावा
शिकायतकर्ता की ओर से बैंक मैनेजर व थानाधिकारी को दिये परिवाद में दावा किया है कि चैक संख्या 692058 में कांट छांट की गई है। चैक के मुख्य साइड की ओर भी न केवल नाम को कटिंग कर सुमित कमार पाल लिखा गया है। बल्कि चैक के पिछले साइड में भी नाम,खाता संख्या से छेडछाड व आईएफएससी कोड को पूर्णतया काट दिया गया है।
ब्रांच मैनेजर ने मानी गलती,पत्र लिखकर राशि वापसी की कही बात
उधर अम्बेडकर सर्किल की शाखा के ब्रांच मैनेजर प्रदीप वर्मा ने शिकायतकर्ता के पत्र का लिखित जबाब में इस बात को स्वीकार किया है कि गलती से सुमित कुमार पाल के खाते में यह राशि स्थानान्तरित हो गई है। जो जल्द ही पुन:संस्थान के खाते में हस्तान्तरित कर दी जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि यह मानवीय भूल थी या जानबुझकर किया गया कृत्य। आमतौर पर बैंकों में चैक पर थोड़ी सी कांट छांट पर सवालिया निशान लगाते हुए चैक पास करने के लिये बैंक के नियमों को फोलो करने की हिदायत दी जाती है। पर यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।
एसबीआई की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण
उधर एसबीआई के अधिकारियों ने इसको लेकर स्पष्टीकरण दिया है कि मामले की पूरी पड़ताल की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि आखिर गलत कौन है। पुलिस की मदद से पूरे मामले की छानबीन कर पटाक्षेप किया जाएगा। हालांकि बैंक अधिकारियों ने संस्थान के प्रतिनिधि के द्वारा दस्तावेजों में गड़बड़ी की बात भी कही है।